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________________ मेरठ में रथयात्रा का भावपूर्ण अभिनन्दन दिनांक 16.02.2004 रात्रि 11:20 पर रथयात्रा के मेरठ में आगमन पर वरिष्ठ पदाधिकारियों के अगुवाई में गुरुभक्तों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत • किया। श्री शान्तिनाथ जैन श्वेताम्बर मन्दिर में आरती उतारी गई। प्रातः नगर में मेरठ वासियों ने रथयात्रा बैंड बाजे के साथ निकाली। मेरठ नगर से हस्तिनापुर तीर्थ पहुंची, साध्वी गुणरत्ना श्री जी ठाणे-3 सहित गुरुभक्तों ने रथयात्रा के दर्शन - वंदन - अभिनंदन किया। गुरु बल्लभ के पट्टधर गुरु समुद्र की पुण्ण-स्थली मुरादाबाद में रथयात्रा का अभूतपूर्व स्वागत दिनांक 18.02.2004 रथयात्रा गुरु समुद्र के समाधि मन्दिर पर पहुंची। वरिष्ठ पदाधिकारियों ने रथ का अभिनंदन किया। बैंड-बाजों के साथ रथ यात्रा मुरादाबाद के बुद्ध बाजार से प्रारम्भ हुई, टाऊनहाल, गज बाजार आदि क्षेत्रों से होती हुई श्री सुमतिनाथ जैन मन्दिर पहुंची। तीनों सम्प्रदाय स्थानकवासी, मन्दिरवासी तथा तेरापंथी समुदाय के लोगों ने रथ का दर्शन-वंदन अभिनंदन किया, गुरु प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। गुरु प्रतिमा पर प्रथम माल्यार्पण की बोली का Jain Education International रहा । गुरुभक्तों ने श्रीमन्दिर जी में भजनों की लड़ियां लगा दीं। " तुम्हारे भक्त कहते हैं हमें दर्शन दिखा जाओ, कि वल्लभ आज आओ, कि वल्लभ आज आओ ।" “छुपे हो तुम कहां गुरुवर ढूँढते नैन है तुमको, बिना देखे तुझे गुरुवर नहीं है चैन अब दिल को ।" विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका लाभ श्री दर्शन लाल विनय कुमार जैन परिवार ने उठाया। गुरु प्रतिमा पर वासक्षेप पूजा का लाभ श्री सरदारी लाल शिखर चन्द परिवार ने लिया। आरती तथा लंगर का लाभ भी श्री सरदारी लाल शिखर चन्द परिवार ने लिया। पूरे कार्यक्रम में सर्वश्री सुरेश जैन उपप्रधान, मोहन लाल जैन उपमंत्री, राजीव जैन संघमंत्री का सक्रिय योगदान For Private & Personal Use Only 93 www.jainelibrary.org
SR No.012061
Book TitleVijay Vallabh Sansmaran Sankalan Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpadanta Jain, Others
PublisherAkhil Bharatiya Vijay Vallabh Swargarohan Arddhashatabdi Mahotsava Samiti
Publication Year2004
Total Pages268
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size51 MB
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