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________________ प्राप्त किया जाये। मैं आया हूं जिम्मेदारी के रूप में। दिल्ली में समारोह हुआ, हम भी कर रहे हैं। प्रत्येक स्थान पर अपने सामर्थ्य के अनुसार यह कार्यक्रम हुए हमारी अनुमोदना है। साधु अपने आप को शुद्ध से शुद्धतर बनाएं, श्रावक अपने धर्म का पालन करें तभी स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी समारोह मनाने की सार्थकता है। प.पू. गच्छाधिपति जी के प्रवचन पश्चात् विविध मंगलमय कार्यक्रमों के अन्तर्गत संगीत प्रतियोगिता के अंतिम चरण के दोनों वर्गों के प्रतियोगियों द्वारा गुरु वल्लभ द्वारा रचित स्तवन-सज्झाए को लयवद्ध गाया गया जिनमें युवा वर्ग में प्रथम स्थान श्री सौरभ जैन, द्वितीय स्थान श्रीमति सोनिया जैन और तृतीय स्थान श्रीमति माला जैन ने प्राप्त किया। बाल वर्ग में प्रथम स्थान श्री अभिनव जैन, द्वितीय स्थान श्री सिद्धार्थ जैन एवं तृतीय स्थान श्री पुलकित जैन ने प्राप्त किया। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आने वाले प्रतियोगियों को स्मृति चिन्ह के साथ क्रमशः 5100/-, 3100/- एवं 2100/- रुपये की राशि भेंट की गई। शेष प्रतियोगियों को प्रोत्साहन पुरस्कार स्वरूप 1100/- रुपये प्रति की राशि स्मृति चिन्ह के साथ भेंट की गई। प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रतियोगी क्रमशः श्रीमति बिन्दु जैन, सुश्री शिखा जैन, श्री मनदीप जैन, श्रीमति अलका जैन, सुश्री सायना जैन, सुश्री कुनिका जैन विवरण व छाया चित्र पृष्ठ 139-140 पर प्रकाशित है। तत्पश्चात् दोपहर 2 बजे तक के लिये सभा स्थगित की गई। दोपहर 2 बजे प.पू. गच्छाधिपति जी के मंगलाचरण से धर्मसभा का शुभारम्भ हुआ। श्री राजीव जैन 'मुरादाबाद वालों' ने 'गुरु वल्लभ की समाज को महान देन' पर अपने विचार व्यक्त किये। तत्पश्चात् जिन गुरुभक्तों ने संक्रान्ति पूर्व संध्या पर गच्छाधिपति जी की निश्रा में सामायिक -प्रतिक्रमण किया उनका बहुमान किया गया। इन श्रावक-श्राविकाओं का महासमिति की ओर से स्मृति चिन्ह, श्री चन्द्र शेखर जैन सामाना द्वारा चांदी की स्थापना के साथ सामायिक के उपकरण, महासमिति के अध्यक्ष श्री कश्मीरी लाल जैन बरड़ की तरफ से टेबल घड़ी भेंट देकर संक्रान्ति पूर्व संध्या पर सामायिक प्रतिक्रमण करने वालों का बहुमान लाभ प्राप्तकर्ता बहुमान किया गया। बहुमान किये जाने वाले श्रावक-श्राविकाओं की सूची प्रकाशित है। परिवार-श्री कश्मीरी लाल जैन बरड़, श्री चन्द्र शेखर जैन सामाना बाल वर्ग में 84 सामायिक करने वालों का सम्मान सामायिक -पौषध मण्डल, लुधियाना द्वारा किया गया। इन्हें स्मृति चिन्ह के साथ गले में रुपयों के हार पहना कर बहुमान किया गया। छाया चित्र पृष्ठ 167 पर प्रकाशित है। "चलो जिन मन्दिर चलें" प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण किया गया, जिसका विवरण दिनांक 15.10.2004 के समाचार में प्रकाशित है। “निबन्ध प्रतियोगिता” में जिन प्रतियोगियों ने भाग लिया उनमें प्रथम श्रीमति किरण जैन अम्बाला, द्वितीय श्रीमति सोनिया जैन लुधियाना, तृतीय श्रीमति वीनू जैन, अम्बाला एवं सुश्री सोफिया जैन अम्बाला ने प्राप्त किया। इन प्रतियोगियों को स्मृति चिन्ह के साथ क्रमशः 5100/-,3100/-, एवं 2100/- रुपये भेंट स्वरूप प्रदान किये गये। बाहर से पधारे हुए साधर्मी भाईयों के ठहरने की व्यवस्था का प्रबन्ध एवम् भोजन वितरण करने में सहयोग श्री आत्म-वल्लभ जैन युवक मण्डल, अम्बाला शहर के प्रधान एवम् मंत्री को मण्डल के साथ सम्मानित किया गया। श्री आत्म-वल्लभ जैन सेवा मण्डल का भी सम्मान किया गया। विजय वल्लभ सेना अम्बाला के प्रधान एवम् मंत्री जी को सम्मानित किया गया। जैन मिलन अम्बाला के प्रधान एवम् मंत्री को सम्मानित किया गया। महिला मण्डल की उप-प्रधान श्रीमति मधु जैन एवम् मंत्री श्री किरण जी को सम्मानित किया गया। इन सभी मण्डलों ने समारोह के सभी कार्यक्रमों को पूरा करने में सहयोग दिया था। श्री मगन कोचर एण्ड पार्टी बीकानेर वाले आज के महान अवसर पर एक सुन्दर भजन प्रस्तुत किया। भजन का सभी गुरू भक्तों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। 'सभी के लबों पर हम अनुयायी जैन धर्म के वल्लभ की सन्तान है' नामक शब्दों से सभी लोग मंत्र मुग्ध हुए। बीकानेर निवासी श्री महेन्द्र जी ने गुरु चरणों में भजन प्रस्तुत किया। “गुरुवर को जो याद करें, मेरा कोई ना सहारे बिन तेरे गुरुदेव तुम्हीं हो मेरे।" “एक शाम वल्लभ के नाम" रात्रि 8.30 बजे से बीकानेर के प्रसिद्ध गायक श्री मगन जी कोचर एवम् साथियों द्वारा गुरु वल्लभ के जीवन पर आधारित भजनों के द्वारा समापन समारोह प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम रात 12.30 बजे तक चला। गगन जी कोचर के साथ महिन्द्र कोचर बीकानेर, शीला नाहटा कोचर मण्डल, एवम् छोटी-छोटी बच्चियाँ अनुराधा और मोना कोचर एण्ड पार्टी ने अपने गायन एवम् परी नृत्य, डांडिया नृत्य, राजस्थानी नृत्य से हजारों का मन मोह लिया। श्री आनन्द कुमार जैन, महामंत्री श्री संघ अम्बाला ने श्री मगन जी कोचर एण्ड पार्टी का धन्यवाद किया और महासमिति के अध्यक्ष श्री कश्मीरी लाल जी एवम् समिति के सदस्यगण, अम्बाला श्री संघ के उपप्रधान श्री महिन्द्र कुमार जी तथा प्रबन्धक समिति को साथ लेकर हार, नारियल, शाल से बहुमान कर धन्यवाद किया। 'एक शाम गुरु वल्लभ के नाम' मुख्य संगीतकार श्री मगनलाल जी कोचर एंड पाटी, बीकानेर werrantiewणी 246 विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका For Private & Personal use only 1500 Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.012061
Book TitleVijay Vallabh Sansmaran Sankalan Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpadanta Jain, Others
PublisherAkhil Bharatiya Vijay Vallabh Swargarohan Arddhashatabdi Mahotsava Samiti
Publication Year2004
Total Pages268
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size51 MB
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