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________________ पुणे में अनेक स्थानों पर रथयात्रा का अभूतपूर्व स्वागत हुबली से सोलापुर, कोल्हापुर नगरों में पड़ाव करती रथयात्रा दिनांक 19.03.2004 को प्रातः 10 बजे पूना पहुँची, श्री दादावाड़ी जैन ट्रस्ट के पदाधिकारी तथा श्रावकगण सवार गेट पर रथयात्रा की अगवानी के लिए पहँचे हुए थे। गुरु प्रतिमा का दर्शन-वन्दन-अभिनन्दन किया गया, बैंड बाजे के साथ अत्यंत उल्लासित भावों से सामैया निकाला गया। श्री दादावाड़ी जैन टैम्पल ट्रस्ट में गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया, सभा में मारवाड़ ज्योति साध्वी सूर्यप्रभा श्री जी की शिष्याएं भी पधारी, श्रावकगण भी अच्छी संख्या में उपस्थित थे। अध्यक्ष श्री महिन्द्रमान मल जी कोठारी ने रथ का परिचय दिया, श्री पद्म कुमार ने स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी एवम् रथयात्रा के कार्यक्रमों की जानकारी दी। युवा मंच के अध्यक्ष श्री प्रवीण भाई, जुगराज भाई आदि ने गुरुवर विजय वल्लभ का गुणगान किया। साध्वी महाराज ने भी एक मधुर भजन गाते हुए गुरुवर के चरणों में अपनी भावांजली प्रस्तुत की। गुरुवर के जयकारों के साथ सभा विसर्जित हुई। रथयात्रा को भावभीनी विदाई दी गई। रथयात्रा आगे बढ़ते हुए लगभग एक बजे आलन्दी रोड श्री आत्म-वल्लभ हाई स्कूल के लिए रवाना हुई जहां अध्यक्ष श्री रमेश चन्द जी पोरवाल एवं स्टाफ तथा स्कूल के छात्रों ने रथयात्रा का अभूतपूर्व स्वागत किया ; गुरु प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा पुष्प वृष्टि की गई। लगभग 1:30 बजे रथयात्रा भोपला चौंक, भवानी पेट टिम्बर मार्किट में श्री विजय वल्लभ हाई स्कूल पहुंची, जहां अध्यक्ष तथा ट्रस्टी गणों ने उल्लासपूर्वक रथयात्रा का स्वागत करते हुए प्रतिमा जी पर माल्यार्पण किया। इस स्कूल की स्थापना के प्रेरणास्रोत शांतमूर्ति जैनाचार्य श्रीमद् विजय समुद्र सूरि जी महाराज थे। रथयात्रा लगभग 3:30 बजे कैम्प एरिया पहुंची, वहां पर भव्य सामैया का आयोजन किया गया। सबसे आगे बैंड, फिर श्रावकगण, महिला मण्डल की सदस्याएं Dress Code में थीं, सजे हुए ऊंट सामैया की शोभा बढ़ा रहे थे। सामैया नगर के विभिन्न बाजारों से होती हुई भगवान श्री शान्तिनाथ जैन मन्दिर सोलापुर बाजार पहुंच कर समाप्त हुई, वहां गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया। सभा में श्री राम सूरि गच्छ के आचार्य सरल स्वभावी श्री विमलरत्न सूरि जी, डेहलों वाले उपस्थित हुए उनके साथ मनिराज श्री पुण्योदय विजय जी भी साथ थे। गुरु महाराज के मंगलाचरण से सभा प्रारम्भ हुई, अध्यक्ष महोदय ने रथयात्रा के लिए स्वागती भाषण दिया, श्री पद्म कुमार ने अर्द्धशताब्दी महोत्सव के कार्यक्रमों की जानकारी दी। गुरु महाराज ने गुरु वल्लभ का गुणगान बहुत ही सुन्दर शब्दों में अभिव्यक्त किया। गुरु वल्लभ की स्तुति स्वरूप संक्रान्ति भजन गाया गया। अध्यक्ष जी द्वारा धन्यवाद के पश्चात् सभा विसर्जित हुई। आचार्य श्री विमल रत्न सूरि जी, मुनिराज पुण्योदय विजय जी ने रथ में वन्दना एवम् वासक्षेप पूजा की। अत्यंत सुन्दर कार्यक्रम रहा। 112 विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012061
Book TitleVijay Vallabh Sansmaran Sankalan Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpadanta Jain, Others
PublisherAkhil Bharatiya Vijay Vallabh Swargarohan Arddhashatabdi Mahotsava Samiti
Publication Year2004
Total Pages268
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size51 MB
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