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________________ आचार्य विजयवल्लभसूरि स्मारक ग्रंथ विजयसेनगुरुस्तदनंतरं विजयते वसुधातलमंडनः । निवडकमरिपून् समसायकैरपजहार विकारविरागवान् ॥ ११ ॥ भवत्रयं यः कलयांचकार ज्ञानोदधिरौतमवद्गणशः । नरेन्द्रसामन्तसहस्रवंद्यः श्रीधर्मदेवो जयताद्गणेशः॥ १२ ॥ तन्च...मुख्यो वृतस्य पक्षः चतुर्दशीपक्षविचारदक्षः । समग्रसिद्धांतविलासवेदी श्रीधर्मचन्द्रो जयताद्गगतां ॥ १३ ॥ तत्पशैलेन्द्रमृगेन्द्रतुल्यः श्रीधर्मरत्नसुगुरुश्चकास्ति । महाव्रतैः पंचभिरेव योसौ पंचाननत्वं बिभरांबभूव ॥ १४ ॥ स्तुतिं गुरूणां सुगुणैर्गरूणा दिनोदये यः पठति प्रमोदात् । तस्यानिशं भक्तितरंगभाजो लब्धिर्विशाला परिरम्भणी स्यात् ।। १५ ।। इति श्री गुरुस्तुति समाप्तः ॥ पीपल गच्छ गुरु विवाहलु पास जिणिदि पसाउ कीउ, धरिणिंद्रि जस अापिय ज्ञान । त्रिहं भव सुद्धि इम जाणीए । पीपल गच्छि संतूठिय, सरसति सतगुर सकति वखाणीइ ए ॥१॥ सारंग राय सुपरि कहीय, त्रिहुं भवंतर धर्मदेवसूरि ।...त्रिहुं भव सुद्धि सोल कला धर्मचंद्रसूरि, संघपति कीउ मोख नरिंद ।...त्रिहु भव सुद्धि आठ महासिध प्रगट हूय, तप तेज तरणि धर्मरत्नसूरि ।...त्रिहुं भव सुद्धि० धरमतिलकसूरि गुरुतिलको, तिहुयणि मोहिश्रो वाणि रसाल ।...त्रिहुं भव सुद्धि अनागत बुद्धि धर्म सिंघसूरि, गूदियनयरि प्रसाद मंडाविय ।...त्रिहुं भव सुद्धि० थिरराज सिरियाएविसुत बांधव, सहि जयवंत रवितलि।...त्रिहं भव सुद्धि० पाल्ह पेथ सौदागरूए, ठविय पाटसिरि धर्मप्रभसरि।...त्रिहं भव सुद्धि सतितालइ श्रीसंघ सहितो, देव चंद्रप्रभ प्रतिकराविय।...त्रिहुं भव सुद्धि० भविक त्रिभविया गुरु नमउ, जिम मन वंछित पामउ नवनिहि।...त्रिहं भव सुद्धि० ॥ इति गुरु वीवाहलु समाप्त ॥ गुरुनु धूल स्वामिणि सरसति वीनवू तुझप्रति, देवीय दइ इति विपुलमति।। भाव उपन्न चित्ति, सगुण गणधर भत्ति, भणिस भोलिम भवियण सुणउ ए॥ सवि सुणउ भवियण भणिस भोलिम, भत्ति चित्ति निरंतरो। सिद्धंत सारविचार संसइ, सवे भंजइ मनिवरो। नव तत्त नव रस रंगि रसना, वयणिवाणी जस तणी दिणिदिणिहि दहदिशि कित्ति अहनिशि, तूं पसाइं स्वामिणी ॥ स्वा० ॥१॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012060
Book TitleVijay Vvallabhsuri Smarak Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Vidyalaya Mumbai
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year1956
Total Pages756
LanguageHindi, Gujarati, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size24 MB
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