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आचार्य विजयवल्लभसूरि स्मारक ग्रंथ जीवननी मीठी सुवास लईने आवे छे, अने ए साथे एवो पाठ पण शीखवे छे के जो कोई पण मानवी योग्य रीते पुरुषार्थ करे तो भव्य सिद्धि प्राप्त करी शके.
आ ग्रंथर्नु कार्य सरळ रीते हाथ धरवा नीचे जणावेल सभ्योनी एक समिति श्री महावीर जैन विद्यालयनी व्यवस्थापक समितिए नीमी हती: १. श्री परमानंद कुंवरजी कापडीआ
६. श्री चिमनलाल जेचंद शाह २. श्री प्रसन्नमुख सुरचंद्र बदामी
७. श्री सेवंतीलाल चिमनलाल शाह ३. श्री फुलचंद शामजी
८. श्री कान्तिलाल डाह्याभाई कोरा ४. श्री रतिलाल चिमनलाल कोठारी
९. श्री चंदुलाल वर्धमान शाह ५. श्री कान्तिलाल उमेदचंद बरोडिया
१०. श्री चंदुलाल साराभाई मोदी समितिना आ सभ्योए ग्रन्थने तैयार करवामां समय अने शक्तिनो जे भोग आप्यो छे ते बदल तेमना हार्दिक आभारी छीए.
गजराती विभागनं संपादनकार्य डॉ० भोगीलाल जे. सांडेसरा, एम्. ए., पीएच. डी., डॉ. उमाकान्त प्रे. शाह, एम्. ए., पीएच. डी. अने श्री नागकुमार ना. मकाती, बी. ए., एलएल्. बी. ए, हिंदी विभाग- संपादन प्रा० पृथ्वीराज जैन, एम्. ए. ने अने अंग्रेजी विभाग- संपादन डॉ० मोतीचंद्र, पीएच्. डी. (लंडन), डॉ. जगदीशचंद्र सी. जैन, एम्. ए., पीएच. डी. अने श्री चिमनलाल जे. शाह, एम्. ए. ए करेल छे. प्रस्तुत ग्रन्थने समृद्ध बनाववा माटे तेओए जैन इतिहास, साहित्य, कला अने तत्त्वज्ञानना विषयो पर लेखो मेळववा भारतना तेमज परदेशना विद्वानोनो संपर्क साध्यो हतो अने सारो एवो सहकार पण मेळव्यो. आ बदल बधा विद्वान लेखको अने त्रणेय विभागना संपादकोनो अमे अंतःकरणपूर्वक आभार मानीए छीए.
आचार्यश्रीना जीवनचरित्र विभाग आ स्मारक ग्रंथर्नु एक महत्त्वनुं अंग छे, अने ते तैयार करी आपवा माटे श्री पी. के. शाह, एम्. ए. ना अमे खास ऋणी छीए. प्राप्त थएली सामग्री लक्षमा लेतां ग्रंथर्नु कद धार्या करतां खूब ज वधी गयु छे अने तेथी केटलीक सारी कृतिओ स्थळसंकोचने लीधे संपादकोने छोडी देवी पडी छे. आ माटे लेखको अने कलाकारोनी क्षमा याचीए छीए, अने तेओए आपेल सहकार बदल आभारी छीए.
ग्रन्थनी उपयोगिता वधारवामां आचार्यश्री विजयसमुद्रसूरि, मुनिश्री पुण्यविजयजी तथा मुनिश्री यशोविजयजी तरफथी मार्गदर्शन, प्रेरणा अने सहकार मळेल छे. मुनिश्री पुण्यविजयजीए ग्रन्थनी प्रारंभिक तैयारीथी मांडी छेवट सुधी प्रेरणा अने अपूर्व सहकार अी ग्रन्थनी उपयोगिता घणी वधारी छे. तेओश्रीए लखेल आमुख ग्रन्थना कीर्तिकळश रूप बने छे. स्थापत्य अने चित्रकळानी सामग्री श्री आर. भारद्वाज, श्री जगन महेता, श्री बाबुभाई भावनगरी, श्री बाबुभाई मिस्त्री, डॉ. उमाकान्त शाह, अने बीजा अनेक भाईओ तरफथी मळी छे ते माटे संस्था तेओनी ऋणी छे, ग्रन्थ- आवरण पट तैयार करी आपवामां चित्रकार श्री सी. नरेने जे मदद करी छे ते बदल हार्दिक आभार मानीए छीए. कलासामग्री अंगे गुजरातना सिद्धहस्त कलाकार श्री रविशंकर रावळ तरफथी खूब सहकार मळेल छे. स्वास्थ्य बराबर न होवा छतां ग्रन्थना सुशोभन पाछळ तेओए जे परिश्रम लीधो छे ते बदल अमे तेमना हमेशना ऋणी छीए. आर्किओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया तेम ज पटना, वडोदरा अने मुंबई म्युझियमना क्युरेटर तरफथी चित्रसामग्री अंगे घणो सहकार मळ्यो ते बदल संस्था तेमनो अत्यंत आभार माने छे.
श्रीहेमचंद्राचार्य जैन ज्ञानमंदिर (पाटण), श्रीविजयनेमिसूरि ज्ञानभंडार (अमदावाद), श्रीभ्रातृचंद्रसूरि ज्ञानभंडार (अमदावाद) अने श्री शान्तिनाथ प्राचीन ताडपत्रीय जैन ज्ञानभंडार(खंभात)ना कार्यवाहकोए
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