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________________ स्व: मोहनलाल बांठिया स्मृति ग्रन्थ महावीर का साधनाकाल साढ़े बारह वर्ष का रहा। उनमें उन्होंने बार-बार योत्सर्ग का प्रयोग किया। सुरक्षा कवच अथवा बैलेटप्रूफ जैकेट पहनने वाले को गोली लगने का भय नहीं रहता। इसी प्रकार गहरे कायोत्सर्ग में जाने के बाद प्रतिकूल परिस्थितियों का प्रभाव क्षीण हो जाता है । महावीर के अन्तवासी शिष्य गौतम ने पूछा 'भन्ते ! कायोत्सर्ग से व्यक्ति को क्या उपलब्धि होती ?' महावीर ने उत्तर दिया- गौतम ! कायोत्सर्ग से अतीत और वर्तमान में किए गए प्रायश्चित योग्य कार्यों का विशोधन होता है । ऐसा करने वाला व्यक्ति भार को नीचे रख देने वाले भारवाहक की भाति स्वस्थ हृदय वाला हो जाता है, हल्का हो जाता है और प्रशस्त ध्यान में लीन होकर सुखपूर्वक विहार करता हैं । जो व्यक्ति स्वस्थ बनना चाहता है और स्वस्थ रहना चाहता है उसे कायोत्सर्ग रूपी औषधि का सेवन करना होगा। चिकित्सा शास्त्र में जिस औषधि के घटक द्रव्यों का कोई उल्लेख नहीं है, उसका विज्ञान महावीर के पास था । उन्होंने स्वास्थ्य का एक ऐसा अमोघ मन्त्र दिया जो जितना सहज है उतना ही कठिन है । कायोत्सर्ग के प्रकार कायोत्सर्ग एक प्रकार का तप है। भगवान महावीर ने बारह प्रकार की तपस्या का वर्णन किया । तपस्या का प्रथम प्रकार अनशन है और बारहवां प्रकार व्युत्सर्ग है । व्युत्सर्ग का अर्थ है छोड़ना । सामान्यतः ग्रहण या स्वीकार की बात रुचिकर लगती है । विसर्जन या अस्वीकार का सिद्धान्त अच्छा नहीं लगता । महावीर का तत्त्वदर्शन रुचि या अरुचि के आधार पर नहीं था । वे यथार्थ को उजागर करते थे । उन्होने जन-प्रवाह को मोड़ते हुए व्युत्सर्ग का सिद्धान्त दिया । व्युत्सर्ग के दो प्रकार हैं - द्रव्य व्युत्सर्ग और भाव व्युत्सर्ग। द्रव्य व्युत्सर्ग के चार प्रकार है १. शरीर - व्युत्सर्ग - शारीरिक चंचलता का विसर्जन । २. गण - व्युत्सर्ग - विशिष्ट साधना के लिए गण का विसर्जन । ३. उपधि-व्युत्सर्ग - वस्त्र आदि उपकरणों का विसर्जन । ४. भक्तपान- - व्युत्सर्ग - भोजन और जल का विसर्जन । Jain Education International 2010_03 १३८ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012059
Book TitleMohanlal Banthiya Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKewalchand Nahta, Satyaranjan Banerjee
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1998
Total Pages410
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size19 MB
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