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________________ स्व: मोहनलाल बाठिया स्मृति ग्रन्थ 35888888888888888888888 श्री एच. जी. अगरवाल वकील साहब ने अग्नि परीक्षा पुस्तक जब्त होने पर केस सम्बंधी कानूनी सलाह विना फीस लिए दी थी। इनसे कई बार समय-समय पर कानूनी सलाह रायपुर चातुर्मास में ली गई। सैयद अफजल अहमद रिजवी वकील साहब को रायपुर के अपने समाज के पांच व्यक्तियों पर पुलिस चालानी फौजदारी मामले में पैरवी करने के लिए खड़ा किया था। और इस मामले में - १. स्व. श्री चम्पालालजी धाड़ीवाल, २. श्री गौतमचन्दजी बरड़िया, ३. श्री पदमचन्दजी बरड़िया, ४. भाई लालचन्द लूंकड़ और ५. बाहर के एक सिख भाई, जिसका नाम और गांव याद नहीं आरहा है और इस व्यक्ति की जमानत मैंने दी थी, से सभी पांचों व्यक्ति बिलकुल बाइज्जत बरी हो गए थे। ___ “अग्नि परीक्षा' पुस्तक से प्रतिबन्ध हटवाने में प्रमुख सहयोग स्व. मोहनलाल साहब बांठिया का ही था। साथ ही महासभा के महामंत्री श्री केवलचन्दजी नाहटा का भी पूरे समय सहयोग रहा इनके अतिरिक्त जब्बलपुर के १. श्री धनराजजी नाहर, पारस बुक डिपो, २. स्व. अगरचन्दजी बोथरा, एवं स्व. दीपचन्दजी नाहर, सदर बाजार कण्टोमेण्ट जबलपुर वालों का म. प्र. हाई कोर्ट जबलपुर की पैरवी में सहयोग रहा। प्रमुख वकील तो श्री ए. के. सेन, एडवोकेट, जो केन्द्रीय विधि मंत्री रह चुके हैं, इन्होंने ही मामले में बहस कर प्रतिबन्ध हटवाया था। रायपुर चौमासे में प्रमुख रूप से स्व. मोतीलालजी धाड़ीवाल रायपुर वाले थे। यों तो सभी ने अपनी शक्ति अनुसार तन, मन, धन से सहयोग दिया, लेकिन धाड़ीवालजी प्रमुख रूप से थे। __ अखिल भारतवर्ष के सभी प्रमुख प्रमुख श्रावक रायपुर चौमासे में पधारकर उस कठिन बेला में जो सहयोग समाज के हित दिया वह सदा स्मरणीय रहेगा। प्रमुख रूप से श्री चांदमलजी बोरा, जज साहब, स्व. जब्बरमलजी सा. भण्डारी, मोतीलाल रांका, स्व. श्री गणेशमलजी दूगड़, श्री चन्दनमलजी बैद, पूर्व वित्त मंत्री, राजस्थान का परामर्श रहा। स्व. श्री बांठियाजी के सम्बन्ध में और कोई खास बात मुझे याद नहीं आ रही है। वे जैन श्वे. तरापंथी महासभा, कलकता के अध्यक्ष होने के नाते सब कार्य उन्हीं के परामर्श से ही होते थे उनका श्रम पूरे चार महीनों का ही नहीं , बल्कि यों कहा जाय तो Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012059
Book TitleMohanlal Banthiya Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKewalchand Nahta, Satyaranjan Banerjee
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1998
Total Pages410
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size19 MB
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