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________________ कवि हरिराजकृत प्राकृत मलयसुंदरीचरियं Prakrit Malayasundaricariyam of Kavi Hariraj डा० प्रेम सुमन जैन मध्ययुगीन प्राकृत कथासाहित्य में से जो रचनाएं अब तक अप्रकाशित एवं अप्रसिद्ध हैं उनमें मलयसुन्दरीचरियं भी है। इस प्राकृत कथाग्रन्थ की तीन पाण्डुलिपियों का परिचय हमने पहले प्रस्तुत किया था ।" इसका सम्पादन कार्य करते समय भण्डारकर ओरियन्टल रिसर्च इन्स्टीट्यूट, पूना में हमने जो मलयसुंदरीचरियं की पाण्डुलिपि देखी है, उसका परिचय हाँ प्रस्तुत किया जा रहा है । इस पाण्डुलिपि का उल्लेख डॉ० एच० डी० वेलणकर ने किया हैर एवं एच० आर० कापडिया ने भी इसको अपनी ग्रन्थसूची में स्थान दिया है । किन्तु अन्य ग्रन्थभण्डारों एवं उनकी प्रकाशित ग्रन्थ सूचियों में कवि हरिराजकृत इस मलयसुंदरीरियं की दूसरी प्रति होने की कोई सूचना प्राप्त नहीं है । अद्यावधि मलयसुंदरीचरियं से सम्बन्धित संस्कृत, हिन्दी, गुजराती जो अनुवादादियुक्त संस्करण प्रकाशित हुए हैं, उनकी चर्चा हमने अपने है । गतवर्ष भी इस कथा से सम्बद्ध दो हिन्दी कृतियाँ सामने आयी हैं । इस मूल प्राकृत रचना को अज्ञातकर्तृक ही माना गया है। एकमात्र पूना की इस प्रति में ही रचनाकार के रूप में कवि हरिराज की प्रशस्ति प्राप्त होती है । अतः इस विषय में अनुसन्धान आवश्यक प्रतीत होता है । कवि एवं इस पाण्डुलिपि के सम्बन्ध में अन्य विवरण देने के पूर्व इस प्रति का आदि एवं अन्तिम अंश यहाँ उद्धत है— मलयसुंदरीचरियं (प्राकृत) [ हरिराज, सं० १६२८ ] पूनाप्रति (१४०४ ) १. जैन, प्र ेम सुमन, 'मलयसुन्दरीचरियं की प्राकृत पाण्डुलिपियां' नामक लेख, वैशाली इन्स्टीट्यूट रिसर्च बुलेटिन नं० ४ (१९८४) में प्रकाशित, पृ० ४९-५२ २. वेलणकर, एच० डी०, जिनरत्नकोश (१९४४), पूना, पृ० ३०२ एवं ३०५ ३. कापडिया, एच० आर०; डिस्क्रिप्टिव कैटलाग ऑफ मेनुस्क्रिप्ट्स, भाग १९, सेक्शन I, पार्ट II (१९७७), संख्या -१४०४ Jain Education International एवं जर्मन भाषा के पूर्व लेख में कर दी इन सभी कृतियों में ४. (i) धामी, मोहनलाल सी०; 'महाबल मलयासुन्दरी', अनु - मुनि दुलहराज, चूरु, १९८५ (ii) जैन रोशनलाल, मलयसुन्दरी, जयपुर (१९८७) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012051
Book TitleParshvanath Vidyapith Swarna Jayanti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Ashok Kumar Singh
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1994
Total Pages402
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size23 MB
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