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________________ पल्लीवाल गच्छ पट्टावली (३५) श्री अभयदेवसूरि पाटि ३५ संवत ९७२ स्वर्ग (३६) श्री आमदेवसूरि पाटि ३६ संवत ९९९ स्वर्ग (३७) श्री शांतिसूरि पाटि ३७ संवत १०३१ स्वर्ग (३८) श्री जस्योदेवसूरि पाटि ३८ संवत १०७० स्वर्ग (३९) श्री नन्नसूरि पाटि ३९ संवत १०९८ स्वर्ग । (४०) श्री उज्जोयणसूरि पाटि ४० संवत ११२३ स्वर्ग (४१) श्री महेश्वरसूरि पाटि ४१ संवत ११४५ स्वर्ग (४२) श्री अभयदेवसूरि पाटि ४२ ( संवत ) श्री मलधार श्री अभयदेवसूरि आवि मिल्या ता पछै अजितदेव ठामि श्री अभयदेवसूरि कहांणां पाटि ४२ संवत ११६९ स्वर्ग (४३) श्री आमदेवसूरि पाटि ४३ संवत ११९९ स्वर्ग (४४) श्री शांतिसूरि पाटि ४४ संवत १२२४ स्वर्ग (४५) श्री जसोदेवसूरि पाटि ४५ संवत १२३४ स्वर्ग (४६) श्री नन्नसूरि पाटि ४६ संवत १२३९ स्वर्ग । (४७) श्री उजोयणसूरि पाटि ४७ संवत १२४३ स्वर्ग (४८) श्री महेश्वरसूरि पाटि ४८ संवत १२७४ स्वर्ग (४९) श्री अभयदेवसूरि पाटि ४९ संवत १३२१ स्वर्ग (५०) श्री आमदेवसूरि पाटि (५०) संवत १३७४ स्वर्ग (५१) श्री शांतिसूरि पाटि ५१ संवत १४४८ स्वर्ग (५२) श्री जसोदेवसूरि पाटि ५२ संवत १४८८ स्वर्ग (५३) श्री नन्नसूरि पाटि ५३ संवत १५३२ स्वर्ग (५४) श्री उजोयणसूरि पाटि ५४ संवत १५७२ स्वर्ग (५५) श्री महेश्वरसूरि पाटि ५५ संवत १५९९ स्वर्ग (५६) श्री अभयदेवसूरि पाटि ५६ नवी गच्छ+ थापना कीधी गुरां सा (थे ) क्लेस कीधो, __ कोटि द्वेष करि क्रियाउद्धार कीधो संवत १५९५ ( ? ) स्वर्ग + इसी गुटके में अन्यत्र सं. १५९५ में गच्छभेद हुआ लिखा है, यह गच्छभेद अजितदेवसूरि से हुआ ज्ञात होता है। [ श्री आत्मारामजी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012050
Book TitleAtmanandji Jainacharya Janmashatabdi Smarakgranth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Dalichand Desai
PublisherAtmanand Janma Shatabdi Smarak Trust
Publication Year1936
Total Pages1042
LanguageHindi, Gujarati, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size30 MB
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