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________________ Jain Education International ४२ कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ तृतीय खण्ड ८. दण्ड के स्थान पर पुरस्कार की नीति का अनुसरण किया जाए । ६. दायित्व निभाने के बजाय दाईत्व निभाने का रुख अपनाया जावे। सृजनात्मक अभिव्यक्ति विकास के कतिपय अभ्यास कार्य १. शीर्षक देना, दिए हुए शीर्षक में परिवर्तन सुझाना । २. संक्षिप्तीकरण एवं विस्तृतीकरण । २. विधा परिवर्तन (नाटक से कहानी कहानी से नाटक, कविता से कहानी कहानी से कविता आदि ) । ४. नए-नए उपमा, रूपक आदि । ५. अपूर्ण कथा को पूर्ण करवाना। ६. समस्यामूलक प्रश्न (विशेष परिस्थिति में अनुभूति ) । ७. कल्पनापरक प्रश्न ( असंभव संभावनाओं से युक्त ) । ८. शब्दों के खेल (छोटी कक्षाओं में ) आदि । उपर्युक्त विवेचन के प्रकाश में अब कतिपय उदाहरणों द्वारा हम यह देखने का प्रयास करेंगे कि हिन्दी - शिक्षण के समय छात्रों में सृजनात्मकता का विकास कैसे किया जाय ? प्राथमिक कक्षाओं में (कक्षा में के उदाहरण) कक्षा ३ में प्रायः बालकों को लिखकर तथा बोलकर अपनी भावाभिव्यक्ति करने की कुशलता का यत्किंचित् विकास हो जाता है अतः हम इसी कक्षा की पाठ्य-पुस्तक से कुछ उदाहरणों पर विचार करेंगे १. 'जो मैं कहीं मेघ बन जाता' - कविता आप बच्चों को पढ़ा चुके हैं। अब इसी आधार पर 'जो मैं कहीं फूल बन जाता' शीर्षक पर विचार कीजिए । २. ऐसे अधिक से अधिक शब्द लिखिए जिसके अन्त में "ता" आता हो। ३. ऐसे अधिक से अधिक वाक्य बनाइये जिनमें निम्नांकित शब्द-समूहों का उपयोग होता हो (अ) आंधी-ओ-वर्षा (आ) बादल - बिजली - नदी उच्च प्राथमिक कक्षाओं में (कक्षा ७ एवं के उदाहरण) rar (काल्पनिक कहानी क (अ) यदि पेड़-पौधे बोलने लगें । ( आ ) यदि मकान चलने-फिरने लगें । ++++ (इ) पानी बांध - सिंचाई (ई) वग-हित विधा रूपान्तरण (अ) दी हुई रूप-रेखा के आधार पर कहानी का विकास । (आ) अधूरी कहानी को पूरा करना । (इ) यदि सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो जाए। (ई) यदि आपके पड़ने की भेज बोलने लगे। (अ) 'नंगे पैर कहानी को एकांकी के रूप में लिखिए (कहानी से एकांकी) (आ) 'अद्भुत बलिदान' एकांकी को कहानी के रूप में लिखिए। (कहानी से एकांकी) (इ) पूजन कविता को संवाद के रूप में लिखिए (कविता से एकांकी) (ई) 'वीर जननी के हृदयोद्गार' शीर्षक लेख को एकांकी के रूप में लिखिए। ( लेख से एकांकी) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012044
Book TitleKesarimalji Surana Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia, Dev Kothari
PublisherKesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages1294
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size34 MB
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