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________________ आदर्श निकेतन छात्रावास, राणावास २४१ ड्यूटी गृहपति छात्रावास कार्यालय के बाहर हर समय एक गृहपति बना रहता है। उसे ड्यूटी गृहपति कहते हैं। प्रत्येक गृहपति को ऐसा मौका दिया जाता है। जिस दिन उसकी ड्यूटी होती है उस दिन छात्रावास के सामूहिक कार्यक्रम का मार्गनिर्देशन उसी के द्वारा प्राप्त होता है। सम्पूर्ण छात्रावास की सफाई पूरे छात्रावास की सफाई के लिए दो हरिजन हैं । वे पूरे छात्रावासों के बरामदों, सड़कों, स्नान-धरों, पेशाबघरों व शौचालयों की सफाई का कार्य करते हैं। दोनों के जिम्मे अलग-अलग कार्य बँटा हुआ है। एक दिन में सुबह, . दोपहर, सायं तीन बार सफाई करते हैं। रोशनी यद्यपि छात्रावास में बिजली की व्यवस्था है, मगर कभी-कभी बिजली बन्द हो जाती है। ऐसे समय के लिए छात्रावास में लालटेनों की व्यवस्था है। करीब ८० (अस्सी) लालटेन हैं । प्रत्येक रूम में लालटेन वितरण कर देते हैं। लालटेनों पर नम्बर डाले हुए हैं जिससे आसानी से वितरण किया जा सकता है। घासलेट दो सौ-तीन सौ लीटर हर समय स्टाक में रखा जाता है। लघुशंका स्थल छात्रावास के एरिये में चार जगह पेशाबघर बने हुए हैं, जो प्रत्येक छात्रावास के लिए अलग-अलग हैं । वैसे छात्र प्रातः व सायं शौच के लिए बाहर जाते हैं, परन्तु बीमार अवस्था में व बे-टाइम गड़बड़ होने की अवस्था में छात्रावास के पास ही पलैश सिस्टम लेटरीन बनी हुई हैं, इन सबकी सफाई हरिजन ही करते हैं। इन्हें फिनाइल आदि से भी साफ किया जाता है। खोई-पाई चीज का विवरण विशाल छात्रावास में कुछ न कुछ चीज कोई न कोई विद्यार्थी प्रतिदिन खो देता है। छात्रों को साफ-साफ निर्देश है कि खोई हुई चीज प्राप्त होते ही मुख्य कार्यालय में जमा करायें। प्रतिदिन सायं प्रार्थना में उन चीजों को सबके सामने बता दिया जाता है। जिसकी चीज होती है उसे प्राप्त हो जाती है। कपड़ों पर व बर्तनों पर प्रत्येक विद्यार्थी के नाम लिखने की व्यवस्था है, जिससे खोई हुई वस्तु आसानी से प्राप्त हो जाती है। फिर भी कोई न कोई सामान कभी-कभी बचा रह जाता है, उसे मुख्य कार्यालय में क्लर्क के पास जमा कर दिया जाता है जिसका रेकार्ड रखा जाता है । इस प्रकार बचे हुए सामान को ग्रीष्मावकाश में नीलाम कर दिया जाता है। विभिन्न प्रवृत्तियाँ उद्यान आदर्श-निकेतन छात्रावास के छात्रों के लिए सब्जी का बड़ा का उद्यान है। जहाँ विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ होती हैं, जैसे-लौकी, भिण्डी, चिचिण्डा, गिलका, तोरू, टिण्डी, ग्वारफली, आरिया ककड़ी, तरककड़ी, काचरा, फूल गोभी, पत्ता-गोभी, गाँठ-गोभी, प्याज की पत्ती, पपीता, खीरा, पालक, चन्दलिया, चुकन्दर, शलगम, शिमला मिर्च गोल आदि-आदि । बगीचे में एक मुख्य बागवान हर समय रहता है, जिसके अधीन चार कर्मचारी रहते हैं। वर्तमान में १०० किलो सब्जी प्रतिदिन चाहिए। सब्जियों के अलावा नीबू, पोदीना व धनियाँ भी बगीचे में हर समय रहते हैं । बगीचे में दो बैल हल चलाने के लिए हैं व खेतों में खाद डालने हेतु एवं सामान ढोने के लिए छकड़ा (टायर गाड़ी) है। सिंचाई के लिए दो कुएँ हैं । एक पर पाँच होर्स पावर की मोटर लगी हई जो बगीचे के मध्य में स्थित है। दूसरा कुओं छात्रावास के मुख्य भवन के दक्षिण में ५० फीट दूर है, जहाँ ७१ हार्सपावर की मोटर लगी हुई है, उससे भी बगीचे की सिंचाई होती है। इसी कुएँ पर पावर का इंजन भी लगा हुआ है। जब कभी बिजली (करंट) नहीं आती है तो इंजन चालू कर समस्या का समाधान किया जाता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012044
Book TitleKesarimalji Surana Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia, Dev Kothari
PublisherKesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages1294
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size34 MB
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