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________________ २२६ कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : द्वितीय खण्ड कक्षा ११ एकादशम् (उच्च माध्यमिक परीक्षा) परिणाम वर्ष D प्रविष्ट संख्या उत्तीर्ण उत्तीर्ण प्रतिशत विशेष योग्यता III पूरक उत्तीर्ण १९७१ १९७२ २२ १६७३ १६७४ 9our ur dur". ८७८ ७२.१ ७६१ | mmsxur ८७.६ १९७५ १९७६ १९७७ १९७८ १९७६ १९८० ८६.३ १६ २५ १० ३७ १८२७ ७४.७ " ७२.५ २८ . परीक्षा केन्द्र-विद्यालय में सन् १९५५ में उच्च विद्यालय की कक्षा ६ तथा १९५६ में कक्षा १० प्रारम्भ की गई, जिनकी परीक्षा सन् १६५७ में पाली परीक्षा केन्द्र पर हुई। छात्र प्रतिवर्ष वहाँ जाकर परीक्षा देने लगे। कुछ वर्षों के बाद यह परीक्षा केन्द्र सोजत सिटी रहा, उसके बाद यह केन्द्र सन् १९७१ में मारवाड़ जंकशन रहा किन्तु सन् १९७२ से राणावास का यह विद्यालय ही परीक्षा केन्द्र के रूप में मान्य कर लिया गया। इससे छात्रों को बहुत सुविधाएँ प्राप्त हो गई। यह केन्द्र बराबर प्रगति पर अग्रसर है। इस समय यहाँ पर जोजावर, खीमाड़ा, फुलाद, मरुधर केसरी उच्च माध्यमिक विद्यालय राणावास, महावीर कन्या माध्यमिक विद्यालय, राणावास तथा स्थानीय विद्यालयों के परीक्षार्थी इस केन्द्र द्वारा परीक्षा देते हैं। विद्यालय के सर्वोच्च छात्र-देश में सुसंस्कृत, जिम्मेदार, प्रतिभावान व योग्य नागरिक पैदा करने के लिए यह विद्यालय सतत् प्रयत्नशील है। इसके लिए प्रतिवर्ष कक्षा ९, १० और ११ के छात्रों को ऐसे नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है तथा इन छात्रों में से प्रतिवर्ष एक सर्वोच्च छात्र का चयन कर उसे पुरस्कृत किया जाता है, एवं प्रमाण-पत्र दिया जाता है। यह योजना सत्र १९६४-६५ से आरम्भ की गई है। सर्वोत्तम छात्र का चयन करने के लिए एक मूल्यांकन विधि निश्चित है। इस मूल्यांकन विधि में जो सर्वाधिक अंक प्राप्त करता है उसे सर्वोत्तम छात्र घोषित किया जाता है। मूल्यांकन के बिन्दु और अंक इस प्रकार हैं - (१) परीक्षा परिणाम ३० अंक (२) अन्य परीक्षाएँ ५ अंक (३) कक्षा में स्थान ३ अंक (४) कक्षा में उपस्थिति ५ अंक (५) बाह्य प्रवृत्तियाँ २० अंक (६) उत्तरदायित्व के कार्य ५ अंक (७) कक्षा कार्य व गृह कार्य ५ अंक (८) आचरण (६) पुस्तकालय व सार लेखन ७ अंक (१०) स्वच्छता ३ अक (११) सुलेख हिन्दी व अंग्रेजी २ अक (१२) वार्षिक पत्रिका में योग ५ अंक उपर्युक्त बिन्दुओं में परीक्षा परिणाम व कक्षा की उपस्थिति दो वर्षों की तथा अन्य बिन्दुओं पर १ वर्ष की उपलब्धि में ६० प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर ही सर्वोत्तम छात्र के रूप में चयन हो सकता है। यह प्रवृत्ति प्रारम्भ होने से लेकर अब तक चयनित सर्वोत्तम छात्रों का विवरण इस प्रकार है १० अंक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012044
Book TitleKesarimalji Surana Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia, Dev Kothari
PublisherKesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages1294
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size34 MB
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