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________________ भोजन बन जाने के बाद प्रातः सायं निर्धारित समय पर जब भोजन की घंटी बजती है तो समस्त छात्र अपनेअपने भोजन पात्र लेकर भोजनालय में पहुँच जाते हैं, जहाँ पंक्तिबद्ध छात्र बैठ जाते हैं। भोजन सबको एक साथ परोसा जाता है, उसके बाद भोजन पूर्व मन्त्र-गीत बोल कर भोजन सुरू होता है। भोजन के दौरान प्रत्येक छात्र मौन रहता है। भोजन परोसने का कार्य स्वयं अपनी-अपनी बारी से छात्र ही करते हैं। इसके लिए भोजन समिति भी बनी हुई है। भोजन करते समय छात्रावास वार्डन ( अधीक्षक) सब तरह की देख-रेख स्वयं उपस्थित रहकर करते हैं । भोजनोपरान्त छात्र अपने-अपने जूठे बर्तन स्वयं एक निश्चित स्थान पर जाकर साफ करते हैं। सूर्यास्त के बाद भोजन करना वांछनीय नहीं माना जाता है । १. प्रातः ५ बजे २. प्रातः ६ बजे ३. प्रातः ६-३० बजे ४. प्रातः ७-८ बजे ५. प्रातः ८-१० से ६ बजे ६. प्रातः ६-३० से १०-१० श्री रायचन्द छोगालाल भंसाली महाविद्यालय छात्रावास, राणावास छात्र दिनचर्या - छात्रावास में छात्र दिनचर्या छात्रों में नैतिक व आध्यात्मिक संस्कार पैदा करने, अनुशासन व पारस्परिक सौहाई की भावना विकसित करने, नित्यकर्म से निवृत्ति, अध्ययन, महाविद्यालय, भोजन, नाश्ता, भ्रमण आदि को ध्यान में रखकर निश्चित की गई है । दिनचर्या के समस्त कार्य नियमित व समय पर सम्पन्न हों तथा छात्रों में स्वावलम्बन की भावना पैदा हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है । दिनचर्या का क्रम इस प्रकार से निर्धारित है ७. प्रातः १०-२५ से २ बजे दोपहर ८. दोपहर २ बजे से २-३० बजे C. दोपहर २-३० बजे से ४-३० बजे अपराह्न १०. सायं ५-१५ से ६ बजे ११. सायं ६ बजे से ७ बजे तक १२. रात्रि ७ से ७-३० बजे १३. रात्रि ७-३० से १०-३० बजे १४. रात्रि १० - ३० बजे जागरण एवं बन्दना (प्रार्थना) शौचादि नित्य कर्म से निवृत्ति Jain Education International दूध-नाश्ता सफाई-स्नान आदि सामायिक व आध्यात्मिक स्वाध्याय भोजन महाविद्यालय में अध्ययन दोपहरी नाश्ता महाविद्यालय में अध्ययन सायंकालीन भोजन २१६ सायंकालीन भ्रमण सायंकालीन प्रार्थना अध्ययन, समाचार दर्शन आदि शयन उपर्युक्त दिनचर्या प्रारम्भ होने की सूचना छात्रावास में ही लगी घंटी से दी जाती है । समयानुसार निश्चित ध्वनि वाली घंटी बजा दी जाती है, जिसे सुनकर छात्र अपने-अपने काम में प्रवृत्त हो जाते हैं। जैसे लम्बी घंटीप्रातः उठने, भोजन, प्रार्थना आदि के लिए तीन घंटी दूध स्वयं के चाय बनाने के लिए, दो घंटी धोबी को कपड़े देने के लिए बजाई जाती हैं। इस प्रकार घंटी के प्रकार निर्धारित हैं, जिनकी ध्वनि सुनकर छात्र उस काम में संलग्न हो जाते हैं । - छात्रों की उपस्थिति का भी दिनचर्या में पूरा-पूरा ध्यान रखा जाता है। दोनों समय जब प्रार्थना होती है, उस समय छात्रों की उपस्थिति विधि अनुसार ली जाती है। इसी प्रकार अगर किसी छात्र को छात्रावास एवं महाविद्यालय केम्पस से बाहर किसी कारणवश जाना होता है तो वह भ्रमण के समय जा सकता है, इसके अलावा प्रातः या दिन में कोई कार्य है, बस स्टेण्ड या रेलवे स्टेशन आदि जगह जाना है तो छात्र गृहपति ( वार्डन ) या छात्रनायक से आज्ञा लेकर ही केम्पस से बाहर जा सकता है । छात्रावास अनुशासन – यदि कोई छात्र छात्रावास के अनुशासन को किसी भी रूप में तोड़ता है तो पहले For Private & Personal Use Only — www.jainelibrary.org.
SR No.012044
Book TitleKesarimalji Surana Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia, Dev Kothari
PublisherKesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages1294
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size34 MB
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