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________________ अभिनन्दनों का आलोक १३६ -.-.-.-.-.-............................................................... क्रमोन्नत हुआ है, जिससे विद्यार्थियों, अध्यापकों और कर्मचारियों की उत्तरोत्तर अभिवृद्धि हो रही है। आपके प्रबन्धकौशल, अर्थसंग्रहपटुता और दूरदर्शिता के ही ये प्रतिफल हैं जो आपके शिक्षा-प्रेम और राष्ट्र-निर्माण के संकल्प को उद्घोषित करते हैं । आप विद्यालय के प्राण हैं, राष्ट्र की आदर्श विभूति हैं एवं हम सब के लिए परम आदरणीय हैं । हम आशा करते हैं कि आपके कुशल नेतृत्व में यह विद्यालय दिन दूनी व रात चौगुनी अभिवृद्धि करते हुए राष्ट्र की समृद्धि में सदैव चार चांद लगाता रहेगा। मंगल कामना ! आपके पुनीत आचरण, त्यागवृत्ति एवं समाज-सेवा की छत्रछाया में हम जिनेश्वरदेव से प्रार्थना करते हुए मंगल-कामना करते हैं कि आप स्वस्थ एवं चिरायु होवें । आपकी कीर्ति-पताका चहुँ दिशि में फहराती रहे । आप राष्ट्रनिर्माण में अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करते रहें एवं जन-जन में ज्ञान गंगा प्रवाहित कर "प्रकाश स्तम्भ" स्वरूप हमारा मार्ग दर्शन करते रहें। राणावास दिनांक २१ फरवरी, १९७६ हम हैं आपके श्री सुमति शिक्षा सदन उच्च माध्यमिक विद्यालय परिवार के सदस्यगण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012044
Book TitleKesarimalji Surana Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia, Dev Kothari
PublisherKesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages1294
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size34 MB
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