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तथा आचार्य नरोत्तमदास स्वामी (समारोह के उपाध्यक्ष) आदि ने नाहटाजी के व्यक्तित्व और कृतित्व के विविध पक्षों पर प्रकाश डाला, श्री जसराज सोनार ने अपनी भावांजलि पद्य रूप में प्रस्तुत की।
अभिनंदन ग्रंथ समिति के संयोजक श्री हजारीमल बांठिया तथा प्रबंधक संपादक श्री रामबल्लभ सोमानी ने अभिनंदन ग्रन्थ विषयक विवरण प्रस्तुत किया, अध्यक्ष डा० कोठारी और संपादन-मंडल के प्रतिनिधि तथा उपाध्यक्ष प्रो० नरोत्तमदास स्वामी ने श्री नाहटाजी को अभिनंदन ग्रन्थ की प्रति भेंट की, ग्रन्थ के साथ ही अभिनंदन-पत्र, उत्तरीय एवं श्रीफल भी भेंट किये गये, शोधकार्य में नाहटाजी के निरंतर सहयोगी और सह-कार्यकर्ता उनके भतीजे श्री भंवरलालजी नाहटा को भी ग्रन्थ की एक प्रति के साथ उत्तरीय तथा श्रीफल भेंट किये गये, तदनंतर श्री नाहटाजी ने मार्मिक एवं प्रेरक उद्बोधन भाषण किया । अंत में समारोह-मंत्री श्री कोठरी ने मनीषी नाहटाजी के प्रेरक जीवन पर प्रकाश डालते हुए आयोजन को सफल बनाने में सहयोगी सभी सज्जनों और कार्यकत्ताओं के प्रति आभार प्रकट किया, इस धन्यवाद-भाषण के साथ समारोह संपूर्ण हुआ।
नाहटा अभिनंदनोत्सव का दूसरा समारोह शीघ्र ही राजधानी दिल्ली में संपन्न किया जायगा, जिसमें नाहटाजी को अभिनंदन ग्रन्थ का दूसरा खंड भेंट कि
भंवरलाल कोठारी
मंत्री
अगरचन्द नाहटा अभिनन्दन ग्रन्थ : ३३५
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