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________________ श्री 'प्रभुदयाल डाबलीवाल, कलकत्ता श्री सीताराम सेकसरिया, कलकत्ता श्री भागीरथ कानोडिया, कलकत्ता इनके अतिरिक्त कार्यसंचालन हेतु कार्यकारी मंडल एवं परामर्श मंडल का भी गठन किया गया जिनके नाम परिशिष्ट में दिये जा रहे हैं । श्री गणपतराज बोहरा, बड़ौदा श्री राजरूप टाक, जयपुर श्री भँवरमल सिघी, कलकत्ता श्री आनंदराज सुराणा, दिल्ली श्री गुमान मल चोरडिया, जयपुर समारोह का शुभारंभ दिनांक १०-४-१९७६ को दोपहर के एक बजे हुआ। प्रथम दिन 'राजस्थान के साहित्य' विषय पर विचारगोष्ठी हुई। इसकी अध्यक्षता भारतीय विद्यामंदिर के निदेशक श्री सत्यनारायण पारीक ने की तथा संयोजन श्री महावीर राज गेलड़ा, प्राध्यापक, डूंगर कालेज, बीकानेर ने किया। गोष्ठी में प्रमुख वक्ता अपने विषय के अधिकारी विद्वान् थे, जिनने राजस्थान की विभिन्न भाषाओं के साहित्यों के विस्तृत विवरण प्रस्तुत किये डॉ० नरेंद्र भानावत ने हिंदी साहित्य का डा० हीरालाल माहेश्वरी ने राजस्थानी साहित्य का, महोपाध्याय श्री विनयसागर ने संस्कृत साहित्य का और श्री भंवरलाल नाहटा ने प्राकृत और अपभ्रंश साहित्य का विवेचन किया। उसी दिन रात्रि के साढ़े आठ बजे बृहत् कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें स्थानीय कविवरों के अतिरिक्त वनस्थली विद्यापीठ की डा० लक्ष्मी शर्मा ने भी अपने गीत एवं कविता पाठ प्रस्तुत किये। डा० नरेंद्र भानावत ने सम्मेलन का संयोजन किया। " समारोह के दूसरे दिन, दिनांक ११ अप्रेल, १९७६ को 'राजस्थान का जैन पुरातत्त्व' विषय पर एक बृहद् गोष्ठी का आयोजन किया गया । इसकी अध्यक्षता राजस्थान राज्य के अभिलेखागार विभाग के निदेशक श्री जे० के० जैन ने तथा इसकी संयोजना श्री दीनदयाल ओझा ने की इस गोष्ठी में जैन पुरातत्त्व के विविध पक्षों पर विशेषज्ञ विद्वानों ने निबंध वाचन किया, श्री विजयशंकर श्रीवास्तव ने जैन मंदिर एवं मूर्ति कला पर श्री मोतीचंद खजानची और भँवरलाल नाहटा ने जैन चित्रकला एवं लेखनकला पर तथा श्री रामवल्लभ सोमाणी ने जैन अभिलेखों पर शोधपूर्ण एवं नवीन जानकारी युक्त निबंध पढ़े। उसी दिन तीसरे पहर १.३० बजे माननीय दौलतसिंहजी कोठारी की अध्यक्षता में मुख्य समारोह संपन्न हुआ । प्रारंभ में छात्राओं ने सरस्वती वंदना की, तदनंतर समारोह के मंत्री श्री भँवरलाल कोठारी ने स्वागत भाषण किया, उसके बाद भू० पू० नगर विधायक श्री गोपाल जोशी ने माल्यार्पण किया तत्पश्चात् मंत्री ने विभिन्न स्थानों से आये संदेशों को पढ़कर सुनाया जो परिशिष्ट में दिये जा रहे हैं। Jain Education International इसके बाद सर्वश्री नरेंद्र भानावत, डा० हीरालाल माहेश्वरी, श्री महावीरराज गेलड़ा, श्री विनयसागर, श्री विजयशंकर श्रीवास्तव, डा० छगन मोहता, श्री सत्यनारायण पारीक, श्री उस्मान आरिफ सांसद, श्री गोपाल जोशी विधायक, श्री मुन्नालाल गोयल ( जिलाधीश), श्री श्रीलाल नथमल जोशी, डा० मनोहर शर्मा, श्री प्रकाशचन्द सेठिया, जुगलसिंह खोची, पंडित श्री होरालाल सिद्धान्तशास्त्री (व्यावर), श्री दोनदयाल ओझा, प्रो० कन्हैयालाल शर्मा, श्री गुमानमल चोरडिया जयपुर, श्री यादवेंद्र शर्मा 'चन्द्र', श्री हरीश भादानी, श्री जानकीनारायण श्रीमाली, डा० लक्ष्मी शर्मा वनस्थली, श्री रायचंद्र जैन एडवोकेट (गंगानगर) ३३४ : अगरचन्द नाहटा अभिनन्दन ग्रन्थ • For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012043
Book TitleAgarchand Nahta Abhinandan Granth Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDashrath Sharma
PublisherAgarchand Nahta Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1977
Total Pages384
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size11 MB
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