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________________ ८५४ : मुनि श्रीहजारीमल स्मृति-ग्रन्थ : चतुर्थ अध्याय भागवत-दशमस्कंध-कृष्णचरित्र श्रादि गणपति जु सिद्धिकर रिद्धि सुष नवनिध्य मंगलदायकं । जिहिके सुमिर है काज सुभ असि देव हेव सव लायकं ।। पद कंज बंद अनंद मनकहूं कृष्णचरित्र मनोहरं । भवसिंधू तारन करन पावन देत सों सदगति परं ।। दोहा सरस्वति चरननि नाइ सिर मांगों बुद्ध रसु सुद्ध । कहौं चरित श्रीकृष्ण के नवरस सरस प्रसिद्ध । सवैया पर्वत नील सकल कर कज्जल सिंधुनिकी दावात बनावे । देव विरक्षनि डारनि लेषिनि भूमि सुपत्र विशालउ जावे ।। सारद तास लिषे हिनिसिबासर तो पि न ताको पार न आवे । नेति कहे ते वेद पुरांन सु स्नचरित्र परमसुष पावे ।। अन्त भाग दोहा देषी महिमा प्रथम जो सुमिर सु वार-बार । उठ द्रग षोले देष तब, श्रीमुकुंद करतार ।। सोरठा पुन-पुन माथ नवाइ हाथ जोड़ गदगद गिरा। प्रेम मगन मन भाइ लागै अस्तुति किरन को। इति श्री भागवतमहापुराने दशमस्कंधे परमहंस संहितायां वत्साहरणौ नाम त्रयोदसौध्याय. उपसंहार जैसा कि इस निबंध के प्रारम्भिक अंश में कहा जा चुका है कि विज्ञप्ति और आदेश पत्रों को स्वतन्त्र रचना के रूप में स्थान नहीं दिया है. किशनगढ़ मसूदा और रूपनगर जैन-संस्कृति के केन्द्र रहे हैं. जो भी विद्वान् मुनिराज के सूचित स्थानों में चातुर्मास होते थे वे अपने पूज्य गुरुवर्यों को अपनी ओरसे या श्रीसंघ की ओरसे विस्तृत आमंत्रण-पत्र भिजवाते थे. ये पत्र भारतीय साहित्य की अमूल्य निधि हैं. आज तो पत्र भी साहित्य की व्याख्या में समाविष्ट हैं, पर उन दिनों के पत्र तो साहित्य, संस्कृति और कला के अन्यतम प्रतीक समझे जाते थे. तात्कालिक महत्त्वपूर्ण राजनैतिक, सामाजिक और धार्मिक बातों का प्रामाणिक उल्लेख ऐसे पत्रों में मिलता है. कतिपय पत्र तो महाकाव्य की संज्ञा से अभिहित किये जा सकते हैं. अजमेर समीपवर्ती क्षेत्र से संबद्ध ऐसे दो पत्रों का उल्लेख करना आवश्यक जान पड़ता है. प्रथम पत्र महोपाध्याय श्री मेघविजयजी का है जिनके जीवन का बहुमूल्य भाग किशनगढ़ में ही व्यतीत हुआ था. इतने कुमारसंभव की पूत्ति स्वरूप एक पाण्डित्यपूर्ण विज्ञप्ति पत्र संस्कृत भाषा में अपने आचार्य के पास सं० १७५६ में भेजा था, FESEA Jain EducAX
SR No.012040
Book TitleHajarimalmuni Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShobhachad Bharilla
PublisherHajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
Publication Year1965
Total Pages1066
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size31 MB
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