SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 604
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ डा० नथमल टाटिया : मोक्षमार्गस्य नेतारम् के कर्ता पूज्यपाद देवनन्दि : ५६६ सुनिश्चितं नः परतन्त्रयुक्तिपु स्फुरन्ति याः काश्चन सक्तसम्पदः । तवैव ता पूर्वमहार्णवोत्थिता जगत्प्रमाणं जिनवाक्यविपुषः । आप्तपरीक्षा से उद्धृत प्रथम पद्यान्तर्गत 'स्वामि-मीमांसितम्' शब्द स्पष्ट रूप से स्वामी समन्तभद्र की आप्तमीमांसा का निर्देश करता है. द्वितीयपद्यान्तर्गत तत्त्वार्थशास्त्र शब्द अविशिष्ट होने के कारण अपने व्यापक अर्थ में प्रयुक्त हुआ है. अतएव इसका अर्थ आचार्य उमास्वामि द्वारा विरचित तत्त्वार्थसूत्र मानने की कोई आवश्यकता प्रतीत नहीं होती. उपसंहार उपरोक्त विवेचन से यह स्पष्ट है, आचार्य विद्यानन्द की किसी भी उक्ति से यह सिद्ध नहीं होता कि 'मोक्षमार्गस्य नेतारम्' श्लोक के कर्ता आचार्य उमास्वामी हैं. अपितु कहीं तो ऐसा प्रतीत होता है कि आचार्य उमास्वामी से भिन्न ही अन्य कोई आचार्य इसके कर्ता के रूप में आचार्य विद्यानन्द को इष्ट हैं. ऊहापोह से जो दूसरी महत्त्वपूर्ण बात फलित होती है, वह है स्वामी समन्तभद्र द्वारा 'मोक्षमार्गस्य नेतारम्' श्लोक को आधार बना कर आप्तमीमांसा ग्रन्थ की रचना करना. आचार्य विद्यानन्द केवल स्वयं इस मत के पोषक नहीं, पर उनके मत में आचार्य अकलंक की भी यही मान्यता थी. इस बात को आचार्य विद्यानन्द ने अष्टसहनी के प्रारम्भ में, जैसा कि हम ने ऊपर देखा, स्पष्ट कर दिया है. अतएव सर्वार्थसिद्धि के प्रारम्भ में उपलब्ध ‘मोक्षमार्गस्य नेतारम्, श्लोक को प्राचीन बाधक प्रमाण के अभाव में पूज्यपाद देवनन्दिकर्तृक ही मानना चाहिए तथा आप्तमीमांसा के आधारभूत स्तोत्रविषयक आचार्य विद्यानन्द की मान्यता को ध्यान में रखकर ही स्वामी समंतभद्र के प्रादुर्भाव कालविषयक विचार प्रस्तुत करना उचित होगा. ४, द्वात्रिंश द्वात्रिशिका, प्रथमद्वात्रिंशिका. ३०. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012040
Book TitleHajarimalmuni Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShobhachad Bharilla
PublisherHajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
Publication Year1965
Total Pages1066
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size31 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy