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________________ १८ : मुनि श्रीहजारीमल स्मृति ग्रन्थ : परिशिट श्री बालमशाह खान-जन्मस्थान उदयपुर (राज.) अ-हिन्दीभाषाभाषी परिवार में जन्म लेकर भी आप हिन्दी में एम० ए० करके हिन्दी साहित्य की अभिनन्दनीय सेवा कर रहे हैं। आपकी अनेक रचनायें प्रान्तीय और भारतीय स्तर पर पुरस्कृत एवं सम्मानित हुई हैं। 'राजस्थानी वचनिकायें' नामक आपका ग्रंथ राजस्थान साहित्य अकादमी से प्रकाशित हुआ है। आप कहानी पुरस्कार विजेता हैं। डा० ईश्वरचन्द्र शर्मा-डॉ. शर्मा दर्शनशास्त्र के तलस्पर्शी विद्वान् हैं, जिन्होंने अमेरिका जैसे विदेशों में भी अपनी योग्यता की छाप डाली है। इस समय आप उदयपुर वि० वि० में अध्यापक हैं। श्री एन० वी० वैद्य-वैद्य महोदय संस्कृत और अर्द्धमागधी भाषा के विश्रुत विद्वान् हैं। सन् १९६२ से पूना के प्रसिद्ध फयंसन कॉलेज में अर्द्धमागधी विभाग के प्रधान और सांगली के विलिंगडन कॉलेज के प्रिंसिपल रह चुके हैं। अनवरत साहित्य सेवा में निरत हैं । अंतगडदसाओ और अणुत्तरोववाइयदसाओ, अगडदत्त-बम्भदत्त, पउमचरियं, नलकहा-वरुणकहा, नायाधम्मकहाओ, उसाणिरुदं, रायपसेणियसुत्तं आदि अर्धमागधी और प्राकृत के आगमग्रंथों का विद्वत्तापूर्ण सम्पादन आपने किया है. विस्तृत प्रस्तावनाएँ और नोट्स लिखे हैं. डा०के० ऋषभचन्द्र जैन-जन्मस्थान पालडी (सिरोही-राजस्थान) आप उदीयमान विद्वान् हैं । नागपुर वि० वि० से पाली एवं प्राकृत साहित्य में एम० ए० किया । वैशाली प्राकृत-जैनशास्त्र संस्थान मुजफ्फरपुर से पीएच० डी० की उपाधि ग्रहण की। इस समय ला० द. भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर में 'रिसर्च आफिसर' पद पर कार्य कर रहे हैं! डा. कन्हैयालाल सहल-जन्मस्थान नवलगढ़ (राजस्थान) । हिन्दी और संस्कृत में प्रथम श्रेणी में एम० ए० किया । 'राजस्थानी कहावतें-एक अध्ययन' नामक शोधप्रबन्ध पर पी-एच० डी० की उपाधि प्राप्त की। इस समय डी. लिट० के हेतु शोधप्रबन्ध लिख रहे हैं। अनेक छात्र आपके निर्देशन में पी-एच० डी० कर चुके हैं । 'मरुभारती' (त्रैमासिक) के प्रधान सम्पादक । राजस्थान साहित्य अकादमी के गव निग बोर्ड के, केन्द्रीय हिन्दी पाठ्यपुस्तक समिति नई दिल्ली के तथा भारतीय हिन्दी परिषद् प्रयाग आदि के सदस्य । राजस्थान के विशिष्ट अग्रगण्य विद्वानों में अन्यतम, आपकी लगभग तीस रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं। Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012040
Book TitleHajarimalmuni Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShobhachad Bharilla
PublisherHajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
Publication Year1965
Total Pages1066
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size31 MB
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