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________________ प्रतियोगिताएँ : एक रपट नलिनकुमार संघवी उक्त दो प्रतियोगिताओं के लिए मुझे तथा श्री शैलेन्द्र दलाल को संयोजक के रूप में नियुक्त किया गया था। ३. अ.भा. धार्मिक ज्ञानोत्तेजक प्रतियोगिता पूर्व में आयोजित धार्मिक सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता की भारी सफलता से प्रभावित होकर परिषद् ने दिनांक ६ नवम्बर को अ. भा. धार्मिक ज्ञानोत्तेजक प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसके भारत के विभिन्न केन्द्रों पर परीक्षा का आयोजन होगा। प्रविष्ठियां इस प्रकार हैं:१. बैंगलोर (दक्षिण) १२५ २. सायला (राज.) पारा थाना (महाराष्ट्र) झाबुआ खाचरोद राणापुर रिंगनोद (धार) मेघनगर धार्मिक ज्ञान मनुष्य के चरित्र का निर्माण कर संस्कार उत्पन्न करता है और सामाजिक व्यवस्था जो बनती है, इसके पीछे इन्हीं संस्कारों की मुख्य भूमिका होती है। इन संस्कारों का बाल जीवन में वपन हो तो अच्छे समाज की आशा करना चाहिये। इस दृष्टि को सामने रखकर पूज्य मुनिराज श्री जयन्त विजय "मधुकर" ने हमें इस संबंध में प्रेरणा प्रदान की और इस दिशा में उत्साही नवयुवकों ने विशिष्ठ रूप से कार्यक्रम आयोजित किये जो अविस्मरणीय रहेंगे १. धार्मिक सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता रतलाम नगर में अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् ने दिनांक १८ सितम्बर, १९७७ को धार्मिक सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया । प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों से ३७६ छात्र-छात्राओं ने भाग लिया तथा २७५ परीक्षार्थी सफल रहे । मुनि श्री नित्यानन्दजी विजय ने १०० प्रश्न तैयार किये थे। इन्हें मुद्रित कर प्रत्येक छात्र को पूर्व में दिये गये पश्चात् परीक्षा में २५ प्रश्न पूछे गये। परीक्षा का समय एक घण्टा था। इस प्रतियोगिता की मुख्य विशेषता यह थी कि सभी जाति, सम्प्रदाय के छात्र-छात्राओं ने इसमें भाग लिया और सफलता अर्जित की। उनमें प्रमुख थे बोहरा,अग्रवाल, माहेश्वरी, महाराष्ट्रीय, ब्राह्मण, राजपूत, सिक्ख, मुसलमान, सिन्धी आदि। उत्तर पुस्तिकाएं पूज्य मुनिराज श्री द्वारा परीक्षित हुई, रतलाम के पुलिस अधीक्षक श्री ए. एन. सिंह ने पुरस्कार वितरण किये। सर्वाधिक प्राप्त करने वाली छात्रा कु. सुमन श्रीश्रीमाल थी उसने एक अलार्म घड़ी पुरस्कार में प्राप्त की । अन्य सफल प्रतियोगियों ने प्रावीण्यानुसार पुरस्कार प्राप्त किये । लगभग १५ पुरस्कार वितरित किये तथा प्रत्येक सफल प्रतियोगी को प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया । इस प्रतियोगिता से प्रभावित होकर नगर के दिगम्बर जैन समाज ने भी इसी प्रकार एक प्रतियोगिता का दिनांक २५-९-७७ को आयोजन किया। २. निबन्ध प्रतियोगिता दिनांक २-१०-७७ (राष्ट्रपिता बापू जन्म दिवस) को एक निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन केन्द्रीय परिषद् ने किया जिसमें ८८ प्रतियोगी थे। जो १५ वर्ष से ऊपर के थे । विषय इस प्रकार थे: १. वर्तमान युग में महावीर वाणी का महत्व, २. युवा पीढ़ी और धार्मिक भावना, और ३. मानव जीवन में धर्म का महत्व । निबन्ध प्रतियोगिता में राजस्थान के श्री बसन्तीलाल बागरा ने प्रथम स्थान अजित किया। १५. " rrrrrrrrrrrrrrrr "vorm.20 अलीराजपुर कुक्षी टाण्डा धार नीमच जालोर (राज.) सुराणा (राज.) थराद (गुजरात) आलासन (राज.) जावरा बड़ावदा बदनावर बड़नगर रतलाम भाटपचलाना पिपलोदा रिंगनोद (रतलाम) राजगढ़ कुशलगढ़ कुल ८९७ ६८ राजेन्द्र-ज्योति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012039
Book TitleRajendrasuri Janma Sardh Shatabdi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremsinh Rathod
PublisherRajendrasuri Jain Navyuvak Parishad Mohankheda
Publication Year1977
Total Pages638
LanguageHindi, Gujrati, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size38 MB
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