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________________ AAAAAAAAAAAAAI शुभाशिर्वाद प. पूज्य गच्छाधिपति वर्तमान् आचार्य देवेश श्रीमद्विजय हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. प. पूज्य "कोंकण केशरी" मुनिराज श्री लेवेन्द्रशेखरविजयजी 'शार्दूल' म.सा. अमिहान्दा ग्रन्थ -:दिशा निर्देशक :पूज्य मुनिराज श्री लोकेन्द्रविजयजी 'मार्तण्ड' म.सा. -: प्रधान संपादिका :- संपादक मण्डल प्रबन्ध संपादक साध्वी श्री पुष्पाश्रीजी म.सा. साध्वी तरुणप्रभा श्री चन्दनमल बी. मुथा पुखराज एस. जैन रमेश निर्मल UILE प्रकाशक श्री यतीन्द्रसूरि साहित्य प्रकाशन मंदिर आलीराजपूर (झाबुआ) म.प्र. मद्रक: जयंत प्रिन्टरी, ३५२/५४, मुरलीधर मंदीर कम्पाउन्ड, गिरगांव रोड, बम्बई - ४०० ००२. फोन : २५२९८२, २९९१९३. वीर निर्वाण सं. राजेन्द्र सं. विक्रम सं. २५१७ २०४७ वीर SANDERS (१) कांति बिल्डर्स २८/२ निलु मेन्शन एस.वी. रोड, ज्वाहर नगर गोरेगाँव - वेस्ट, बम्बई-६२. -: प्राप्ति स्थान : (२) श्री यतीन्द्रसूरि साहित्य प्रकाशन मंदिर श्री जयन्तीलालजी रतिचन्दजी जैन महात्मा गांधी मार्ग आलीराजपुर (म.प्र.) ALO (३) मरुधर शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन तीर्थ (४) शाह एस. भरतकुमार गुरु लक्ष्मण धाम, न्यु झुंझाराराव मार्केट, स्टे. रोड, मु.पो. भागली (जालोर) राज. पो. कल्याण (ठाणा) महा. (५) श्री पार्थपद्मावती शक्ति पीठ पो. शंखेश्वर तीर्थ (महेसाणा) गुज. AnA SOLDIE COUNTRY २ मानव-पकार के नाम पर यदि विनाशक सामग्री का सृजन हो तो उस समाग्री एवं उसके उत्पादों को नष्ट किये बिना मानव कभी भी सुखपूर्वक सो नही सकता। Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012037
Book TitleLekhendrashekharvijayji Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpashreeji, Tarunprabhashree
PublisherYatindrasuri Sahitya Prakashan Mandir Aalirajpur
Publication Year
Total Pages320
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size18 MB
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