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________________ T देवरत्नसूर (वि.सं. १५०५-१५३३) प्रतिमालेख यतीन्द्रसूरि स्मारक ग्रन्थ - इतिहास कुलवर्धनसूरि (वि.सं. १६४३-८३) प्रतिमालेख साहित्यिक और अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर आगमिक गच्छ के जयानन्दसूरि, देवरत्नसूरि, शीलरत्नसूरि, विवेकरत्नसूरि, संयमरत्नसूरि, कुलवर्धनसूरि, विनयमेरूसूरि, जयरत्नगणि, देवरत्नगणि, वरसिंहसूरि, विनयरत्नसूरि आदि कई मुनिजनों के नाम ज्ञात होते हैं। इन मुनिजनों के परस्पर संबंध भी उक्त साक्ष्यों के आधार पर निश्चित हो जाते हैं और इनकी जो गुर्वावली बनती है, वह इस प्रकार है ? Jain Education International : : जयानन्दसूरि (वि.सं. १४७२ - १४९४ ) 1 शील सिंहसूरि (कोष्ठक चिन्तामणि स्वोपज्ञटीका (श्रीचन्द्रचरित वि. सं. १३९४ विनयमेरु (वि. सं. १५९९) प्रतिमालेख वरसिंहसूर (आवश्यक बालावबोधवृत्ति) उदयसागरसूरि 1 भानु भट्टसूरि I माणिक्य मंगलसूरि (वि.सं. १६३९ में अंबडरास के रचनाकार) 1 विवेकरत्नसूर (वि.सं. १५४४-७९ ) प्रतिमा लेख । धर्महंससूरि (वि.सं. १६२० के लगभग नववाडढालबंध के रचनाकार) संयमरत्नसूर (वि.सं. १५८० - १६१६ ) 1 For Private Personal Use Only वि.सं. १५७१ में यतिजीतकल्प रचनाकार जयरत्नमणि देवरत्नगणि I I आगमिकगच्छ के मुनिजनों की उक्त तालिका का आगमिकगच्छ की पूर्वोक्त दोनों शाखाओं ( धूंधकीया शाखा और विडालंबीया शाखा) में से किसी के साथ भी समन्वय स्थापित नहीं हो पाता, ऐसी स्थिति में यह माना जा सकता है कि आगमिकगच्छ में उक्त शाखाओं के अतिरिक्त भी कुछ मुनिजनों की स्वतंत्र परंपरा विद्यमान थी। विनयमरत्नसूरि (वि.सं. १६७३ माघसुदी १३ भगवतीसूत्र की प्रतिलिपि) इसी प्रकार आगमिकगच्छीय जयतिलकसूरि, मलयचंद्रसूरि २, जिनप्रभसूरि ३, सिंहदत्तसूरि ४ आदि की कृतियां तो उपलब्ध होती है, परंतु उनके गुरु परंपरा के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं मिलती है। अभिलेखीय साक्ष्यों द्वारा भी इस गच्छ के अनेक मुनिजनों के नाम तो ज्ञात होते हैं, परंतु उनकी गुरु-परंपरा के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं मिलती। यह बात प्रतिमालेखों की प्रस्तुत तालिका से भी स्पष्ट होती है- कমউनिমले মिটई 64 www.jainelibrary.org
SR No.012036
Book TitleYatindrasuri Diksha Shatabdi Samrak Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinprabhvijay
PublisherSaudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
Publication Year1997
Total Pages1228
LanguageHindi, English, Gujarati
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size68 MB
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