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________________ आपको संस्कृत, हिन्दी और अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान है । आपकी रुचि प्रवचनादि में अधिक है । आपने राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश में विचरण किया है । आपने एम. ए., बी. एड. तक व्यावहारिक शिक्षण प्राप्त किया है। धार्मिक दृष्टि से जैनागम विश्वास है कि आपकी योग्यता और प्रतिभा साहित्य और थोकड़े आदि का भी अध्ययन किया है । जैन सिद्धान्तों का भी आपको अच्छा अभ्यास है । जैन सिद्धान्त परीक्षा भी उत्तीर्ण की है । का समाज को लाभ मिलेगा । (५) महासती श्री विनयप्रभाजी म० सा०आपका जन्म जयपुर निवासी ओसवाल वंशी, गाँधी गोत्रीय श्रीमान् सुन्दरलालजी की धर्मपत्नी सौभाग्य वती मुन्नीबाई की पावन कुक्षि से दिनांक ५ जून, १९५६ के दिन हुआ था। आपका जन्मनाम सविता कुमारी है । आपने उपाध्याय श्री पुष्करमुनिजी म. सा. को गुरु मानकर महासती श्री चारित्रप्रभाजी म. सा. के पास दिल्ली में दिनांक २४ फरवरी १९७८ सं. २०३४ को दीक्षाव्रत स्वीकार किया। आप महासती श्री कुसुमवतीजी म. की प्रशिष्या हैं । आपने संस्कृत, हिन्दी भाषाओं का अच्छा ज्ञान प्राप्त किया है । आपने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर से हायर सेकण्डरी परीक्षा और जैन सिद्धांत विशारद परीक्षा उत्तीर्ण की। अपनी गुरुणीजी एवं गुरु बहिनों के साथ आपने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, जम्मूकाश्मीर आदि का भ्रमण किया । आपकी विशेष रुचि 'सेवा कार्य' करने में है । (६) महासती श्री रुचिकाजी म० सा० - आपका जन्म काश्मीर के जम्मू नगर निवासी श्रीमान् मनीरामजी आनन्द की धर्मपत्नी सौभाग्यवती राजदेवी की पावन कुक्षि से सं. २०१६ श्रावण शुक्ला षष्ठी, दिनांक ८ अगस्त, १९५६ के दिन हुआ था । आपने उपाध्याय श्री पुष्कर मुनिजी म. सा. को 'गुरु मानकर महासती श्री चारित्रप्रभाजी म. सा. के सान्निध्य में सं. २०३७ वैशाख शुक्ला पूर्णिमा दिनांक ३० अप्रैल, १६८० कांधला में दीक्षाव्रत १७८ अंगीकार किया । आप महासती श्री कुसुमवतीजी म. की प्रशिष्या हैं । Jain Education International हिन्दी, संस्कृत, योग्यता अर्जित की। में है । अंग्रेजी में भी आपने अच्छी आपकी विशेष रुचि संगीत अपनी गुरुणीजी और गुरु बहिनों के साथ आपने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू काश्मीर, राजस्थान आदि में विचरण किया है । (७) महासती श्री अनुपमाजी म० सा०श्रीमान् नोरतमलजी बोहरा की धर्मपत्नी सौभाग्यआपका जन्म जामोला जिला अजमेर निवासी वती सोहनबाई बोहरा की पावन कुक्षि से सं. २०२४ वैशाख कृष्णा द्वितीय दिनांक १५ अप्रैल, १९६८ को हुआ । आपका जन्मनाम कु. शकुन बोहरा है । आपने श्रद्धेय श्री राजेन्द्र मुनिजी म. सा. को गुरु बनाकर महासती श्री दिव्यप्रभाजी म. सा. के पास वि.सं. २०४० माघ शुक्ला त्रयोदशी दिनांक १५ फरवरी, १९८४ को किशनगढ़ जिला अजमेर में जैन भागवती दीक्षा अंगीकार की । आपने जैन सिद्धान्तों के बोल व थोकड़ों का अध्ययन किया है एवं व्यावहारिक शिक्षण बी. ए. की तैयारी कर रही हैं । आपने संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी आदि भाषाओं का भी अच्छा ज्ञान अर्जित किया है। आपकी विशेष रुचि भ्रमण, चित्रकला और अध्ययन में है । 'दीक्षा ज्योति' नामक आपकी सम्पादित प्रकाशित गीत रचना है । आपकी बहिन ने भी संयम ग्रहण किया है जिनका नाम साध्वी निरूपमाजी म. है । आप महासती श्री कुसुमवतीजी म. सा. की प्रशिष्या हैं और अपनी सद्गुरुणीजी एवं गुरुणी के साथ राजस्थान आदि प्रान्तों में विचरण किया है । द्वितीय खण्ड : जीवन-दर्शन साध्वीरत्न कुसुमवती अभिनन्दन ग्रन्थ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012032
Book TitleKusumvati Sadhvi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyaprabhashreeji
PublisherKusumvati Abhinandan Granth Prakashan Samiti Udaipur
Publication Year1990
Total Pages664
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size25 MB
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