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________________ ४४२ पं० जगन्मोहनलाल शास्त्री साधुवाद ग्रन्थ [ खण्ड ११. अर्द्धकथा ७४/६६४-६६५ । १२. वहो० ३/१६ । १३. वही० ७/४६, ४७ । १४. वही० ८/५६ । १५. वही० १३/१०५ । १६. वही० १३/११०। १७. वही० ६७/६०२, ६०५ । १८. कुल पठान जीनासह नाँउ । तिन तहाँ आई बसायो गाऊँ । वहो-४/२६ । १९. मध्य कालीन भारत : एल० पी० शर्मा, पृ० १५० एवम् १९३ । २०. शूद्रों को श्रेणियां-सीसगर, दरजी, तंनोली, रंगबाल, ग्वाल, बाढ़ई, संगतरास, तेली, धोबी, धुनियां । कंढोई, कहार, काछो, कलाल, कुलाल (कुमार) माली, कुन्दीगर, कागदी, किसान, पट बुनियाँ, चितेरा, बिंधेरा, बारी, लखेरा, उठेरा, राज, पटुवा, छप्परबंध, बाई, भारमुनियाँ, सुनार, लुहार, सिकलीगर, हवाई भर, धीवर, चमार । अ० का ५/२९ २१. किलीच खां अकबर का विश्वस्त सेनापति था : अकबरनामा पृ० २८४ में इसका उल्लेख है । २२. अ० कथा० १३/१११, ११३ । २३. अ० कथा० ६०/५४०, ५४१ । २४. (जहाँगीर) शासन व्यवस्था सुदृढ़ और व्यवस्थित नहीं थी। सड़के तथा मार्ग असुरक्षित थे। चोरी और डाके जनी होती थी। प्रांतीय सूबेदार और अधिकारी निर्दयी और अत्याचारी होते थे। म० का० भारत : पृ० १९४ शर्मा २५. आदेशानुसार आगरे से अटक तक मार्ग के दोनों और वृक्ष लगाएं जायें । प्रति कोस पर मोल स्तम्भ खड़ा किया जाय; प्रति तीसरे मील पर एक कुआँ तैयार किया जाय, ताकि यात्री लोग सुख शांति से यात्रा कर सकें । तुजुक-ए-जहाँगीरी पृ० २५५ (अनु० मथुरा प्रसाद शर्मा) २६. इस ही समय ईति बिस्तरी । परी आगरै पहिली मरी । जहाँ तहाँ सब भागे लोग । परगट भया गाँठिका रोग ॥ ६३/५७२ निकसै गांठि मरै छिन मांहि । काह की बसाइ किछ नांहि । चूहै भरहिं बैद मरि जांहि । भय सौं लीग अंन न दिखाहिं ॥ ६४/५७३, ५७४ २७. इसी वर्ष या मेरे राज्यारोहरण (सन् १६११) के दसवें वर्ष हिन्दुस्तान के कुछ स्थानों पर एक बड़ा रोग (प्लेग) फैला। इसका प्रारम्भ पंजाब के परगनों से हुआ था फिर यह सरहिन्द और दोआब तक फैल गया और दिल्ली आ पहुँचा। उसने आसपास के परगनों और गांवों में फैलकर सबको बरबाद कर दिया । इस देश में यह बीमारी कभी प्रकट नहीं हुई थी। तुजुक-ए-जहाँगीरी : पृ० १६३ २८, अ० कथा० २५/२२४ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012026
Book TitleJaganmohanlal Pandita Sadhuwad Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherJaganmohanlal Shastri Sadhuwad Samiti Jabalpur
Publication Year1989
Total Pages610
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size14 MB
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