SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 435
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २८६ पं० जगन्मोहनलाल शास्त्री साधुवाद ग्रन्थ [खण्ड पड़ती हैं।'४, १५ कैलोरियों के इस अर्थशास्त्र से हमें अपने आहार के प्रोटोन और ऊर्जामानों को उन्नत करने में सहायता मिल सकती है। आजकल शाकाहारी खाद्यों की अधिकतम उपयोगिता के लिये मार/मूल्य के अनुपात में मितव्ययिता की ओर अधिकाधिक ध्यान दिया जा रहा है। इससे शाकाहार को तो प्रोत्साहन मिलेगा ही, अहिंसाधर्म का भो घोष होगा। निर्देश १. विल्सन डी० एवा आदि; प्रिंसिपल्स आव न्यूट्रीशन, जॉन वाइली, न्यूयार्क, १९६६, p. २००-१२२ २. फ्लैक हेरीता; इन्द्रोडक्शन टू न्यूट्रीशन, मैकमिलन, न्यूयार्क, १९७६, पेज १९ ३. राव, ह्वो० के० आर० बी० फुड, न्यूट्रीशन ऐंड पोवर्टी इन इंडिया, विकास, दिल्ली, १९८२, p. १४६ ४. (a) देखिये, निर्देश २, पेज ४२१-२६; (b) आलिम, मेरियन; साइंस आव न्यूट्रीशन, मैकमिलन, न्यूयार्क, १९७७, पेज ९२-९८ ५. गोपालन, सी०; न्यूट्रीटिव वेल्यूज आव इण्डियन फुड्स ( हिन्दो), चण्डीगढ़, १९७४ ६. देखिये, निर्देश ४ पेज ९२-९३ ७. देखिये, निर्देश ३, पेज १३८ ८. वही, पेज २०४ ९. पार्क, जे० ई० और पार्क, के०; टेक्स्ट बुक आव पी० एस० एम०, मानोत, जबलपुर, १९८७ १०. देखिये, निर्देश ५, पेज १४० ११. देखिये, निर्देश ४, पेज २८४-८६ १२. देखिये, निर्देश १, पेज ४९७-५०२ १३. देखिये, निर्देश २, पेज ४४७ १४. देखिये, निर्देश २, पेज ४४३ १५. किंडर, फाया; मोल मैनेजमेन्ट, मैकमिलन, न्यूयार्क, १९७३, पेज ३९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012026
Book TitleJaganmohanlal Pandita Sadhuwad Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherJaganmohanlal Shastri Sadhuwad Samiti Jabalpur
Publication Year1989
Total Pages610
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy