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________________ ५-९. श्रीधर स्वामी की निर्वाण भूमि : कुंडलपुर ५-१०. दिगंबर जैन परवार समाज, जबलपुर संस्कार धानी के लिये अवदान ५-११. शहडोल जिले की प्राचीन जैन कला और स्थापत्य खंड ६ - साहित्य ६-१. कामन टर्मिनोलोजी इन अर्ली बुद्धिस्ट ऐंड जैन टैक्स्ट्स ६- २. कनकसेन का स्वतंत्र वचनामृत ६२. प्राचीन प्रश्न व्याकरण वर्तमान ऋषिभाषित ( xv) और उत्तराध्ययन ६-४. जैन मिथक तथा उनके आदि स्रोत : भगवान रिषभ ६-५. अजैन नाटककारों के हिन्दी नाटकों में जैन समाज दर्शन की अवधारणा ६६. ऐरावत छवि ६-७. अपभ्रंश के खंड और मुक्तक काव्यों की विशेषतायें ६-८. जैन कवियों द्वारा रचित हिन्दी काव्य में प्रतीक योजना ६९. अर्ध कथानक पुनर्विलोकन ६-१०. कातंत्र व्याकरण ६-११ कुवलयमाला कथा के आधार पर गोल्लादेश व गोल्लाचार्य की पहिचान Jain Education International पंडित जगन्मोहन लाल शास्त्री सिंघई नेमीचंद्र जैन डा० राजेन्द्र कुमार बंसल के० आर० नामन डा० पी० एस० जैनी डा० सागरमल जैन डा० हरीन्द्र भूषण जैन डा० लक्ष्मी नारायण दुबे कुंदन लाल जैन डा० आदित्य प्रचंडिया डा० महेन्द्र प्रचंडिया डा० कैलाश तिवारी डा० भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी 'वागीश' शास्त्री डा० यशवन्त मलैया For Private & Personal Use Only ३७५ ३८० ३८३ ३९३ ३९८ ४०४ ४१५ ४२१ ४२३ ४२७ ४३१ ४३८ ४४३ ४४७ www.jainelibrary.org
SR No.012026
Book TitleJaganmohanlal Pandita Sadhuwad Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherJaganmohanlal Shastri Sadhuwad Samiti Jabalpur
Publication Year1989
Total Pages610
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size14 MB
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