SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 16
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २३ १०० - ४२ ५६ ० ७४ ४६ ० ( vil ) सारणी १ : कतिपय साधुवाद ग्रंथों का विवरण ग्रंथनाम प्रकाशन संख्या खंड लेख पृष्ठ पूर्व प्रकाशित प्रतिशत समग्र आयोजन वर्ष पृष्ठ संख्या लेख पृष्ठ पुनरावृत्ति समय, वर्ष संख्या १. वर्णी अभि० ग्रंथ १९४९ ५९३ ५२३ १०३ २. छोटे लाल स्मृति ग्रंथ १९६७ ८७१ ८१७ १२ ३. महावीर स्मृति ग्रंथ १९७५ ३०८ १२० ४. पं० चैन सुखदास स्मृति १९७६ ४९० ૪૧૮ ५. पं० सु०चं० दिवाकर अ० १९७६ ४०० ३२४ ६. पं० के०चं०शा० अ०ग्रं० १९८० ६०० ४८८ ७. बाबूलाल जमादार ग्रंथ० १९८१ ४०८ ५७ ३०० २६ ८. डा० दरबारी लाल को० १९८२ ५०० ३७० ९. माता इंदुमती अभि-ग्रंथ १९८३ ५३२ १६० १२.५ १०. सात्यं घर सेठी ,, ,, १९८३ ३८० २०० १०० ११. पं० फूलचंद्र शास्त्री ग्रंथ १९८५ ६८० ६८ ५०६ १२. भवरलाल नाहटा ग्रंथ १९८६ ४२२ ५६ ३३८ २७४ १३. जीत अभि० ग्रंथ १९८६ ६९४ ४६ ३०३ १४. पं० लालबहादुर शास्त्री १९८६ ४०० १५. आ० देशभूषण ग्रंथ १९८७ १७०० १७५ ११५० १४२ १६. अर्चनार्चन ग्रंथ १९८८ । १३०८ १७. पं० जगन्मोहनलाल शा० १९८९ ५४० द १८. पं० बंशीधर व्या० चा० १९८९ १९. विद्वत् अभिनंदन ग्रंथ १९७६ २०. डा. पन्नालाल सा०अ०ग्र० १९८९ ० ० ५० २०० || || ه ه ه ه ه ه ه ه ه م و و س . . ४२५ है २५ ४७८ ___७३ ७७ २८५ । مع ع ع ل و ___ इस ग्रंथ की सामग्री को छः खंडों में विभाजित किया गया है। इनके नाम क्रमशः (i) पंडित परंपरा और पंडित जी, (ii) धर्म और दर्शन: नवयुग, (iii) ध्यान और योग, (iv) जैन विद्याओं में वैज्ञानिक तथ्यः समीक्षण (v) इतिहास और पुरातत्व और (vi) साहित्य है। कुल लेख संख्या ८३ है। प्रत्येक खंड की सामग्री नवीन परिवेश एवं भविष्य का संकेत देती है। इसे अधिकाधिक कोटि के पाठकों को रोचक बनाने का संपादक मंडल ने प्रयास किया है। इस विषय में उनके समीक्षापूर्ण मत की हमें जिज्ञासा रहेगी। यह प्रयास किया गया है कि मुद्रण में त्रुटिया न हों, पर 'प्रिंटर्स डेविल' कैसे हमारे प्रयत्न को सफल होने दे सकता है ? हमारी असावधानी भी इसमें कारण हो सकती है। क्रमव्यक्तिक्रम भी हो सकता है । एतदर्थ सुधी पाठक हमें क्षमा करेंगे, ऐसी आशा है। साथ ही, यह भी ध्यान में रखना आवश्यक है कि विभिन्न लेखों में व्यक्त विचार लेखकों के स्वयं के हैं। उनसे समिति या संपादक मंडल सहमत ही हो, ऐसा नहीं मानना चाहिये । जैन संस्कृति ने विचार स्वातंत्र्य को सदा प्रेरित किया है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012026
Book TitleJaganmohanlal Pandita Sadhuwad Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherJaganmohanlal Shastri Sadhuwad Samiti Jabalpur
Publication Year1989
Total Pages610
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy