SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 57
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीमती सौ० रतनबाई संग्रामसिंहजी मेहता श्रीमती सौ० भागवन्ती बाई धर्मपत्नी उदयपुर (राज.) श्री रोशनलालजी झगड़ावत उदयपुर (राज.) श्रीमती सौ० रतनबाई मेहता एक धर्मपरायण श्रीमती भागवन्ती बाई श्री रोशनलालजी सा. सुश्राविका है। आपके पूज्य पिता श्री का नाम झगड़ावत डबोक निवासी की धर्मपत्नी हैं। आप कन्हैयालाल जी लोढ़ा और मातेश्वरी का नाम बहुत ही धर्मपरायणा है। आपकी गुरु भक्ति धर्म राजबाई है । आपके आजाद, भगवती दो भाई हैं भावना बहुत ही प्रशसनीय है। आपका पूरा परितथा शकुन्तला देवी, कंचन देवी और श्री प्रिय- वार श्रद्धय उपाध्याय श्री और उपाचार्य श्री के दर्शना ये तीन बहिनें हैं। उसमें से प्रियदर्शना जी प्रति पूर्ण समर्पित है। ने महासती श्री पुष्पवती जी का शिष्यत्व स्वीकार आपकी अपार निष्ठा महासती श्री पुष्पवतीजी किया है। के प्रति है। आपकी अनाज की दुकान उदयपुर में ___आपका पाणिग्रहण श्री संग्रामसिंहजी मेहता के साथ सम्पन्न हुआ। संग्रामसिंहजी बहुत ही भद्र- ___ प्रस्तुत ग्रन्थ प्रकाशन में आपने अतीव श्रद्धा प्रकृति के सज्जन हैं। पूर्वक अनुदान प्रदान किया है। ____ आपका पूरा परिवार उपाध्यायश्रीजी उपा एतदर्थ साधुवाद ! चार्य श्री जी व महासती श्री पुष्पवतीजी के प्रति समर्पित है। प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में आपने हार्दिक अनुदान प्रदान किया। एतदर्थ हार्दिक साधुवाद ! ( १८ ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.
SR No.012024
Book TitleSadhviratna Pushpvati Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1997
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy