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________________ श्रीमान गेहरीलालजी मेवाड़ में सेमा ग्राम के निवासी हैं। आप में धार्मिक भावना विशेष है और सन्तों के प्रति अपार निष्ठा है। आप वर्षों से वर्षीतप की आराधना कर रहे हैं। आपके मांगीलाल, मूलचन्द, कान्तिलाल, वर्धमान ये चार सुपुत्र हैं । आपकी तरह अखण्ड सौभाग्य वती श्रीमती लेहरीवाई भी धर्मपरायणा तपस्विनी महिला हैं। प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में श्रद्धापूर्ण अनुदान प्राप्त हुआ है। एतदर्थ हार्दिक साधुवाद ! - श्रीमान गेहरीलालजी, सौ. लेहरीबाई कोठारी श्रीमान सोहनलालजी जैन स्व० हरीशकुमार चांदमलजी मादरेचा, नाथद्वारा (राज.) ढोल (उदयपुर राज०) श्रीमान सोहनलालजी सा० जैन नाथद्वारा के निवासी हैं। परम विदुषी साध्वीरत्न पुष्पवतीजी स्व. हरीश कुमार ढोल निवासी चाँदमलजी मादरेचा के सुपुत्र थे। आप एक होनहार बालक थे म. के वर्षावास में अपने सेवा भक्ति कर अपनी आपका १८ वर्ष के लघुवय में स्वर्गवास हो गया । हृदय की संपूर्ण भक्ति प्रदर्शित की थी। आपकी पुण्य स्मृति में पूज्य पिताश्री ने अपना आप उपाध्याय श्रीजी, उपाचार्य श्रीजी व महा- हार्दिक अनदान प्रदान किया है। एतदर्थ साधुवाद । सती पुष्पवतीजी म. के प्रति गहरी निष्ठा रखते हैं। प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में आपका हार्दिक अनुदान प्राप्त हुआ है। एतदर्थ धन्यवाद । ( १७ ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orn
SR No.012024
Book TitleSadhviratna Pushpvati Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1997
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size25 MB
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