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________________ अर्थ सहयोग विश्ववंद्य विभूति, महान ज्योतिर्धर, न्याम्भोनिधि आचार्य श्रीमद् विजयानंद सूरीश्वरजी महाराज की स्वर्गारोहण शताब्दी के पावन प्रसंग पर उनके साहित्य प्रकाशन के लिए जैन दिवाकर आचार्य श्रीमद् विजय इन्द्रदिन्न सूरीश्वरजी महाराज की प्रेरणा से स्थापित श्री विजयानंद सूरि साहित्य प्रकाशन फाउंडेशन- पावागढ़' को पूज्य आचार्य, उपाध्याय, पंन्यास एवं मुनि भगवंतों, साध्वी भगवंतों की प्रेरणा से अनेक गुरुभक्तों, संघों एवं ट्रस्टों से उदार आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ है। उनकी शुभ नामावली* जैन दिवाकर आचार्य श्रीमद् विजय इन्द्रदिन्न सूरीश्वरजी महाराज की सप्रेरणा से श्रीहंस विजयजी जैन फ्री लायबेरी लुणसावाड़ा, अहमदाबाद की ओर से । * कोंकण देश दीपक आचार्य श्रीमद् विजय रत्नाकर सूरीश्वरजी महाराज की सद्प्रेरणा से श्रीऋषभदेवजी महाराज जैन धर्म टेम्पल एण्ड ज्ञाति ट्रस्ट थाणे एवं श्रीशान्तिनाथजी जैन देरासर ट्रस्ट दादर मुम्बई की ओर से * कार्यदक्ष आचार्य श्रीमद् विजय जगच्चंद्र सूरीश्वरजी महाराज की सदप्रेरणा से परम गुरु भक्त श्रीमनहरभाई प्रभुदासभाई शाह टाणावाले की ओर से * शान्तिदूत आचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी महाराज की सद्प्रेरणा से परम गुरु भक्त श्री सुरेन्द्र कुमार जैन जालंधर शहर की ओर से * महातपस्वी उपाध्याय श्रीबसंत विजयजी महाराज की प्रेरणा से मद्रास निवासी मातुश्री चम्पाबाई सरेमलजी के सुपुत्र श्री केवलचंदजी सरेमलजी गेमावत की ओर से । * साहित्य मनिषी उपाध्याय श्रीवीरेन्द्र विजयजी महाराज की प्रेरणा से श्री गौड़ीजी जैन उपाश्रय एवं लुधियाना निवासी परम गुरु भक्त श्री पूरणचन्द श्रीपाल कुमार जैन बरड की ओर से * पंन्यास श्री यशोभद्र विजयजी महाराज की प्रेरणा से श्रीकोट तपागच्छ मूर्तिपूजक श्वेताम्बर जैन संघ, मुम्बई एवं जैन आदिश्वर महाराज माहिम तड मारवाडी संघ एण्ड चेरिटीज, माहिम मुम्बई की ओर से। * प्रखर वक्ता मुनिराज श्री अरुण विजयजी महाराज की प्रेरणा से श्री आत्मानंद जैन उपाश्रय जानीशेरी, बड़ौदा की ओर से। * प्रवर्तिनी साध्वी श्रीविनिता श्रीजी म. की सदप्रेरणा से श्री महिला उपाश्रय जानी शेरी बड़ौदा की ओर से। * विदुषी साध्वी श्री विद्या श्रीजी म. तथा साध्वी श्री कंचन श्रीजी म. की मदप्रेरणा से पालीताणा श्री श्रमणी विहार की बहनों की ओर से * विदुषी साध्वी श्री महायशा श्रीजी म. की सप्रेरणा से सूरत, नानपूरा श्रीमघ की बहनों की ओर से। * विदुषी साध्वी श्रीकांता श्रीजी म. की सप्रेरणा से बड़ौदा, मामा की पोल संघ की बहनों की ओर से। * विदुषी साध्वी श्रीकनक प्रभा श्रीजी म. की सप्रेरणा से लुणसावाड़ा मोटीपोल जैन संघ, अहमदाबाद की ओर से तथा श्रीमिलन कुमार महेन्द्र भाई कपडवंज वाले, श्रीमती मिता बहन किरीट भाई अमरोली वाले एवं श्री जितेन्द्र बाई हीरालाल शाह की ओर से। * विदुषी साध्वी श्रीनयप्रज्ञा श्रीजी म. की प्रेरणा से श्रीभादरण नगर श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ, मुम्बई की ओर से । * विदुषी साध्वी श्री ओमवार श्री जी म. तथा साध्वी श्री धर्मज्ञा श्रीजी म. की सद्प्रेरणा से श्री देहली गुजराती ट्रस्ट, गुजरात Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012023
Book TitleVijyanandsuri Swargarohan Shatabdi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNavinchandra Vijaymuni, Ramanlal C Shah, Shripal Jain
PublisherVijayanand Suri Sahitya Prakashan Foundation Pavagadh
Publication Year
Total Pages930
LanguageHindi, English, Gujarati
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size22 MB
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