SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 514
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री जैन दिवाकर स्मृति ग्रन्थ और आडस्पेस्की भी समकालीन विश्व के महान् पराभौतिक द्रष्टा और चिन्तक हुए अमेरिका के प्रसिद्ध परामनोवैज्ञानिक डा० स्टीवेन्सन इसी अनुसन्धान हेतु भारत भी आये थे । : ४५५ : आत्मा : दर्शन और विज्ञान की दृष्टि में अमरीका के 'विलसा क्लाउड चेम्बर' के शोध से बड़े आश्चर्यजनक तथ्य सामने आये हैं । इससे यह प्रकट होता है कि मृत्यु के उपरान्त भी प्राणी का अस्तित्व किसी न किसी रूप में विद्यमान रहता है। इस प्रयोग के अन्तर्गत एक ऐसा बड़ा सिलिण्डर लिया जाता है, जिसकी भीतरी परतें विशेष चमकदार होती हैं । फिर उसमें कुछ रासायनिक घोल डाले जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप विशेष प्रकार की चमकदार और हल्की-सी प्रकाशीय गैस भीतर फैल जाती है । इस गैस की विशेषता है कि यदि कोई परमाणु या इलेक्ट्रान इसके भीतर प्रवेश करें तो शक्तिशाली कैमरे द्वारा उसका चित्र उतार लिया जाता है । प्रयोग के लिये एक चूहा रखा गया। बिजली का करेण्ट लगा कर इस चूहे को मार डाला गया। चूहे के मरणोपरान्त उस सिलैण्डर का चित्र उतारा गया। वैज्ञानिक यह देख कर विस्मित हुये बिना नहीं रहे कि मृत्यु के पश्चात् गैस के कुहरे में भी मृत चूहे की धुंधली आकृति तैर रही थी । वह आकृति वैसी ही हरकतें भी कर रही थी जैसी जीवित अवस्था में चूहा करता है। इस प्रयोग से यह प्रमाणित हुआ कि चूहा मृत्यु के पश्चात् प्राणी सत्ता किसी न किसी रूप में विद्यमान रहती है। 1 अपनी सुविख्यात कृति 'मेमोरीज, ड्रीम्स रिफ्लेक्शन्स' में विश्व विख्यात तत्त्वदर्शी चिन्तक और मनोवैज्ञानिक 'कार्ला जुग' ने अपने एक विचित्र अनुभव का वर्णन किया है, जिसका तात्पर्य है। कि हमारे जगत में अवश्य ही एक चौथा आयाम है, जो अनोखे रहस्यों से ओतप्रोत है । प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिकों स्टेनिस्लाव प्रोफ और जान हेलिफेक्स प्रोफ ने पिछले दिनों अनेक रोगियों का अध्ययन करते समय तथा रेमण्ड ए० मूडी ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'लाइफ आफ्टर डेथ' में ऐसी अनेक घटनाओं का उल्लेख किया है—जब रोगी मृतक घोषित कर दिये गये, पर फिर भी तत्पश्चात् मृतक जीवित हो उठे और उन्होंने आत्मा के अस्तित्व को स्वीकारा। अमेरिकी मनोवैज्ञानिक डा० नेलसन वाल्ट का कथन है कि- 'मनुष्य के अन्दर एक बलवती आत्म चेतना रहती है, जिसे जिजीविषा एवं प्राणधात्री दाक्ति कह सकते हैं। मन शास्त्री नबक ने अपनी शोधों में इस बात का उल्लेख किया है कि अतीन्द्रिय क्षमता पुरुषों की अपेक्षा नारियों में कहीं अधिक होती है। रूस के इलेक्ट्रान विशेषज्ञ मयोन किलियान ने फोटोग्राफी की एक विशेष प्रविधि द्वारा यह निष्कर्ष निकाला है कि मानव के स्थूल शरीर के अन्दर का सूक्ष्म शरीर ऐसे सूक्ष्म पदार्थों से बना होता है, जिनके इलेक्ट्रान स्थूल शरीर के इलेक्ट्रानों की अपेक्षा अत्यधिक तीव्र गति से गतिमान होते हैं। यह सूक्ष्म शरीर पार्थिव शरीर से अलग होकर कहीं भी विचरण कर सकता है। न्यूयार्क में परामानसिक तत्त्वों की खोज के लिए एक विभाग की स्थापना की गयी है, जिसके अध्यक्ष हैं 'डा० रोबर्ट बेफर' । लेनिनग्राद विश्वविद्यालय के फिजियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो० लियोनिद वासिलयेव Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012021
Book TitleJain Divakar Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKevalmuni
PublisherJain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar
Publication Year1979
Total Pages680
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy