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________________ ( १४ ) शुभकामना विदेश मंत्री, भारत दिनांक : २८-६-७८ प्रिय महोदय, आपका पत्र प्राप्त हुआ। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि अखिल भारतीय श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन समाज सुप्रसिद्ध सन्त जैन दिवाकर श्री चौथमलजी महाराज का जन्म-शताब्दी समारोह मनाने जा रहा है । जैन-दर्शन में सत्य और अहिंसा जैसे चिरन्तन एवं विश्वजनीन मानवीय मूल्यों को मान्यता दी गई है और मुझे आशा है कि इस शताब्दी समारोह के माध्यम से अनेक सद्विचार समाज के सामने प्रस्तुत किये जायेंगे। इस समारोह की सफलता के लिए हमारी हार्दिक शुभ कामनायें स्वीकार करें। - आपका (अटल बिहारी बाजपेयी) पेट्रोलियम और रसायन तथा उर्वरक मंत्री भारत सरकार नई दिल्ली-११०००१ दिनांक : ५-६-१९७८ यह जानकर अपार हर्ष हुआ कि जैन दिवाकर जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में श्री जैन दिवाकर स्मृति-ग्रन्थ का प्रकाशन किया जा रहा है। ऐसे अवसर पर चिकित्सालयों, विद्यालयों आदि की स्थापना करना उनके प्रति एक महान् श्रद्धांजलि अर्पित करना होगा। __ मैं स्मृति-ग्रन्थ के सफल प्रकाशन हेतु अपनी हार्दिक शुभकामनायें भेज रहा हूँ। -हेमवतीनन्दन बहुगुणा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012021
Book TitleJain Divakar Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKevalmuni
PublisherJain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar
Publication Year1979
Total Pages680
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size17 MB
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