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________________ श्री जैन दिवाकर स्मृति-ग्रन्थ जीवदया और सदाचार के अमर साक्ष्य : १६०: ++ ॥ श्री गोपालजी ॥ ॥श्री रामजी ॥ नम्बर ११ द० महाराज मानसिंह + + + ++ + + + मोहर छाप । सिद्ध श्री महाराजाधिराज महाराज श्री मानसिंहजी भीण्डर (मेवाड़) मीटर वचनातु जैन सम्प्रदाय के जैन दिवाकर प्रसिद्ध वक्ता मुनि श्री चौथमलजी Funnnnnnn महाराज का आज महासुद १ शुक्रवार सम्वत् १६६६ तदनुसार तारीख ६ फरवरी सन् १९४० ई० को वाड़ी महलों में जीव दयादि अनेक विषयों पर व्याख्यान हुआ । जिसका प्रभाव मेरे पर तथा मेरी जनता पर अच्छा पड़ा। मुझको महाराज का उपदेश बहुत प्रिय लगा । और व्याख्यान से प्रभावित होकर प्रतिज्ञा करता हूँ कि (१) इन महाराज के आगमन तथा प्रस्थान के दिन भीण्डर में आमतौर से सदैव अगता रखाया जावेगा। (२) सिंह, चीता तथा सूअर के अतिरिक्त किसी जीव की हिंसा मैं नहीं करूंगा। (३) चैत सुदि १३ जो श्री महावीर स्वामी का जन्म दिवस है और पौष विदि १० जो श्रीपाश्र्वनाथ स्वामी का जन्म दिन है इन दोनों दिनों सदैव आम अगता रखाया जावेगा। (४) आपके भीण्डर पधारने तथा विहार करने के दिन अमर्या कराया जावेगा। (५) अधिक मास (पुरुषोत्तम मास) के अवसर पर तमाम महिना खटीकों की दुकानें बन्द रहेंगी। उपरोक्त प्रतिज्ञाओं की पाबन्दी रहेगी। सम्वत् १९६६ का महा सुद १ शुक्रवार ता०६-२-४० ई० (द) जगन्नाथसिंह चौहान का श्री हजर का हक्म से लिख्यो % 3D ॥श्री रामजी॥ जैन दिवाकर श्री चौथमलजी महाराज खोड़ीप से नकूम पधारते थे बीच में भिडाणा (टोंक स्टेट) में १५ उपदेश होने से मेरे और मेरी रियाया पर बहुत अच्छा उपदेश का असर पड़ा जिस पर नीचे लिखी बातों पर पाबन्द रहेंगे : (१) गांव भिडाणे में जीवहिंसा नहीं करूंगा औरों को भी जीवहिंसा नहीं करने दूंगा। (२) शराब नहीं पीऊँगा। (३) श्रावण में लिलोती नहीं खाऊँगा। (४) श्रावण, कार्तिक, वैशाख इन महिनों में शिकार नहीं खाऊँगा। (५) कुंवर हिम्मतसिंहजी साहब भी श्रावण, कार्तिक, वैशाख महिनों में जीवहिंसा नहीं करेंगे, शराब नहीं पीयेंगे श्रावण में लिलोती नहीं खाएंगे । एक दिन की छट और पंखेरू जानवर की शिकार नहीं करेंगे । इस प्रकार की पाबन्दी होती रहेगी। सं० १९६६ फागुण सुदी ८ । द० दीपसिंह का द० कुहिम्मतसिंह का द० ची० नन्दलाल नलवाया का ठाकुर साहब व कुंवर साहब का हुक्म से लिखा । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012021
Book TitleJain Divakar Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKevalmuni
PublisherJain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar
Publication Year1979
Total Pages680
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size17 MB
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