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________________ श्री जैन दिवाकर - स्मृति-ग्रन्थ जीवदया और सदाचार के अमर साक्ष्य : १५२ : ॥श्री रामजी ॥ ॥ श्रीबाणानाथजी । मेजा-मेवाड़ मोहर छाप - मेजा (मेवाड़) ता० ४-५-२८ X + + +++ +++++ + X जैन सम्प्रदाय के प्रसिद्धवक्ता मुनि श्री चौथमलजी महाराज मेजे में सं० १९८४ के वैषाख शुक्ला १५ पधारे और सुबह व्याख्यान महलों में दो दिन हुआ जो श्रवण कर बहुत आनन्द प्राप्त हुआ । अहिंसा धर्म का जो महाराज ने सत् उपदेश दिया वह बहुत प्रभावशाली है इसलिए प्रतिज्ञा की जाकर नीचे लिखी तिथियों पर जीवहिंसा का अगता भी रहेगा। (१) पौष कृष्णा १० श्रीपार्श्वनाथजी महाराज का जन्मदिवस के दिन । (२) चैत्र शक्ला १३ श्री महावीर स्वामीजी का जन्मदिवस के दिन । (३) आपके पधारने व विहार करने के दिन अगता रहेगा। (४) आपके शुभागमन में ११ ग्यारा बकरे इस समय अमरिया कराए जावेगा। (५) यहाँ के तालाब में बिना इजाजत मच्छिएँ आम लोग नहीं मार सकेंगे। (६) आसोज शुक्लाह के दिन दश बकरों का वध होता है उसकी जगह पाँच को अभयदान दिया जावेगा। (७) धर्मवीर श्रीमान् महाराज साहब सुरतसिंहजी के आज्ञानुसार हीरन की शिकार खुद के हाथ से नहीं की जाती, जिनके (८) वैषाख शुक्ला १२ के जन्म दिवस के उपलक्ष में ५ पाँच बकरों को अभेदान दिया जावेगा। हुक्म नं० २६५ असल ह वास्ते तामील के सरिस्ते में दिया जावे और एक नकल इसकी मुनि श्री चौथमलजी महाराज के भेंट की जावे । संवत् १९८४ का वैषाख शुक्ला १५ ॥श्री रामजी ॥ ॥श्री चतुर्भुजजी॥ श्री जैन सम्प्रदाय के प्रसिद्ध वक्ता श्री चौथमलजी महाराज का खेराबाद में ज्येष्ठ कृष्णा ३ सं० १९८४ को पधारना हुआ । आपके उपदेश से मुझे बड़ा आनन्द हुआ जिससे नीचे लिखे माफिक प्रतिज्ञा की जाती है (१) चैत्र शुक्ला १३ को श्री महावीर जयन्ती होने से व पौष कृष्णा १० को श्री पार्श्वनाथजी का जन्म दिवस होने से अगता पलाया जावेगा। (२) ग्यारस, अमावस, पूनम को शिकार का प्रयोग नहीं किया जावेगा। (३) मैंने आज दिन तक शिकार नहीं की और अब भी नहीं करूंगा। (४) श्री चौथमलजी महाराज का जिस दिन खेरावदा में पधारना होगा और वापिस विहार होगा उस दिन अगता रखा जावेगा। सं० १९८४ का ज्येष्ठ कृष्णा ३ (द०) म० बागसिंह-खेरावदा For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International
SR No.012021
Book TitleJain Divakar Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKevalmuni
PublisherJain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar
Publication Year1979
Total Pages680
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size17 MB
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