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________________ ४७४ ४७६ ४७८ ४८० ४८३ ४८७ ४९० ४९१ ४९५ ४९५ ४९६ ४९७ १२. वीर-निर्वाणपर्व : दीपावली १३. महावीर-जयन्ती १४. श्रीपपौराजी : जिनमन्दिरोंका अद्भुत समुच्चय १५. पावापुर १६. श्रमणवेलगोला और गोम्मटेश्वरका महामस्तकाभिषिक १७. राजगृहकी मेरी यात्रा और अनुभव १८. काश्मीरको मेरी यात्रा और अनुभव १९. बम्बई-प्रवास २०. परिशिष्ट गुरुजीकी प्रवृत्तियाँ डॉ. शीतलचन्द जैन, जयपुर डॉ० कोठिया : एक कुशल कार्यकर्ता डॉ. मोतीलाल जैन, खुरई कतत्व एवं व्यक्तित्व के धनी पं० कमलकुमार शास्त्री जीवेत शरद : शतम् श्री स्वरूप चन्द्र जैन सजग प्रहरी डॉ० महेन्द्र कुमार जैन डॉ० कोठियाकी अप्रतिम सेवाएँ सिंघई देवकुमार जैन साधुमना श्री कोठियाजी श्रीमती विमला जैन प्रगाढ़ विद्वत्ता और सौम्य व्यक्तित्वके धनी श्री अजित प्रसाद जैन गुरुदेवका आशीर्वाद पं० गोविन्ददास कोठिया विनयकी जीवन्त मूर्ति श्री जयकुमार इटोरया, श्री वीरेन्द्र कुमार इटोरया अनेकानेक मंगल-कामनाएँ श्री प्रेमचन्द शाह निश्चल एवं अध्ययनशील पण्डितजी श्री रतनचन्द पटोरिया न्यायके असाधारण ज्ञाता श्री सुभाष जैन मधुर व्यवहारके धनी श्री मोतीलाल, बड़कुल मेरे फूफाजी श्रीमती राजकुमारी रांधेलीय कर्मयोगी कोठियाजी श्री मनोहरलाल वकील कर्मठ विद्वान् पं० रतनचन्द कासिल शास्त्री समाजके भूषण पं० पूर्णचन्द्र सुमन जैन जगतकी अमूल्य निधि प्रो० विनय कुमार जैन उनका अविस्मरणीय योगदान श्री देव कुमार जैन ४९७ ४९७ ४९७ ४९८ ४९८ ४९८ ४९९ ५०२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012020
Book TitleDarbarilal Kothiya Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJyoti Prasad Jain
PublisherDarbarilal Kothiya Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages560
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size13 MB
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