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________________ श्री कन्हैयालाल'कमल' सूर्योदय, सूर्यास्त की दिशायें जंबू० वक्ष० ७, सू० १५० x चन्द्र के सूत्रचन्द्रमण्डलों की संख्या, जम्बूद्वीप में चन्द्रमण्डलों की संख्या, लवणसमुद्र में चन्द्रमण्डलों की संख्या, जम्बूद्वीप तथा लवणसमुद्र में चन्द्रमण्डलों की संयुक्त संख्या जंबू० वक्ष० ७, सू० १४२ सर्वाभ्यन्तर चन्द्रमण्डल से सर्वबाह्य चन्द्रमण्डल का अन्तर जंबू० वक्ष० ७, सू० १४३ प्रत्येक चन्द्रमण्डल का अन्तर जंबू० वक्ष० ७, सू० १४४ प्रत्येक चन्द्रमण्डल का आयाम-विष्कम्भ, परिधि और बाहल्य का प्रमाण - जंबू० वक्ष० ७, सू० १४५ जम्बूदोप के मन्दरपर्वत से सर्वाभ्यन्तर प्रथम, द्वितीय, तृतोयादि चन्द्रमण्डलों का अन्तरजम्बूद्वीप के मन्दरपर्वत से सर्वबाह्य प्रथम, द्वितीय, तृतीयादि चन्द्रमण्डलों का अन्तर जंबू० वक्ष०७, सू० १४६ x x x X सर्वाभ्यन्तर प्रथम, द्वितीय, तृतीयादि चन्द्रमण्डलों का आयाम-विष्कम्भ और परिधि का प्रमाण सर्वबाह्य प्रथम, द्वितीय, तृतीयादि चन्द्रमण्डलों का आयाम-विष्कम्भ और परिधि का प्रमाण जंबू० वक्ष० ७, सू० १४७ x जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति के वृत्तिकार ने लिखा है-चन्द्रप्रज्ञप्ति और सूर्यप्रज्ञप्ति बहुत बड़े आगम हैं। इस सूची में जितने सूत्र हैं वे सब चन्द्रप्रज्ञप्ति और सूर्यप्रज्ञप्ति से उद्धृत हैं किन्तु इस सूची में अंकित सूत्रों में से अनेक सूत्र उपलब्ध चन्द्र-सूर्यप्रज्ञप्ति में नहीं हैं। अतः यह स्वयं सिद्ध है कि वर्तमान में चन्द्र-सूर्यप्रज्ञप्ति के स्त्रों का जो क्रम एवं संख्या है अतीत में उससे भिन्न रही होगी। . इच्चेसा जंबुद्दीवपण्णति-सूरपण्णति वत्थुसमासेणं सम्मत्ता भवइ । इत्येषा--अनन्तरोक्तस्वरूपा जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिः आद्यद्वीपस्य यथावश्यितस्वरूपनिरूपिका ग्रन्थपद्धतिस्तस्या मस्मिन्नुपांगे इत्यर्थः सूत्रे च विभक्तिव्यत्ययः प्राकृत त्वात् । सूर्य प्रज्ञप्तिः सूर्याधिकार प्रतिबद्धा पदपद्धतिर्वस्तूनां मण्डलसंख्यादीनां समासः सूर्यप्रज्ञप्तयादि महाग्रन्था पेक्ष या संक्षेपस्तेन समाप्ता भवति । इच्चेसा इत्यादि व्याख्यानं पर्ववत परं सूर्यप्रज्ञप्ति स्थाने चन्द्रप्रज्ञप्तिवाच्या ।। जम्बू० वक्ष० ७, सू० १५० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012017
Book TitleAspect of Jainology Part 3 Pandita Dalsukh Malvaniya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM A Dhaky, Sagarmal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1991
Total Pages572
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size12 MB
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