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________________ १३६. १५३१ माघ सुदि ५ Jain Education International १३७. १५३१ माघ वदि ८ सोमवार माघ वदि ८ सोमवार माघ वदि ८ सोमवार अमररत्नसूरि चन्द्रप्रभस्वामी की मुनिसुव्रतदेरासर, वही, पंचतीर्थी प्रतिमा डभोई भाग १, लेखाङ्क ६५ का लेख देवरत्नसूरि आदिनाथ की प्रतिमा जैन मंदिर, ऊझा बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, का लेख भाग-१, लेखाङ्क १८२ देवरत्नसूरि संभवनाथ की चौबीस संभवनाथ की चौबीसी चिन्तामणिपार्श्वनाथ वही, भाग-२ प्रतिमा का लेख जिनालय, खंभात लेखाङ्क १११९ देवरत्नसूरि सुविधिनाथ की सुमतिनाथ जिनालय, नाहर, पूरनचन्द, प्रतिमा का लेख पालिताना पूर्वोक्त, भाग २,लेखाङ्क १७५९ एवं विजयधर्मसूरि, पूर्वोक्त, लेखाङ्क ४३५ १३९. १५३१ For Private & Personal Use Only आगमिक गच्छ/प्राचीन त्रिस्तुतिक गच्छ का संक्षिप्त इतिहास १४०. १४१. १५५१ माघ वदि ८ देवरत्नसूरि वासुपूज्यस्वामी की चिन्तामणिपार्श्वनाथ बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, सोमवार प्रतिमा का लेख देरासर, कड़ी भाग १, लेखाङ्क ७२२ १५३२ वैशाख ......। अमररत्नसूरि अभिनन्दनस्वामी की आदिनाथ जिनालय, विजयधर्मसूरि, पूर्वोक्त, धातु-प्रतिमा का लेख जामनगर लेखाङ्क ४४६ । __वैशाख ... ...। अमररत्नसरि शान्तिनाथ की प्रतिमा बावनजिनालय, . बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, का लेख पेथापुर भाग-१ लेखाङ्क ७१२ १५३२ ज्येष्ठ वदि १३ अमररत्नसरि महावीर स्वामी की आदिनाथ जिनालय, मुनिविशाल विजय, धातु-पंचतीर्थी प्रतिमा राधनपुर पूर्वोक्त, लेखाङ्क २८१ का लेख १४३. www.jainelibrary.org २७५
SR No.012017
Book TitleAspect of Jainology Part 3 Pandita Dalsukh Malvaniya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM A Dhaky, Sagarmal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1991
Total Pages572
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size12 MB
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