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________________ Jain Education International तालिका नं०२ वडगम्छीय आचार्य मुनिचन्द्रसूरि के गुरु-शिष्य परम्परा की तालिका उद्योतनसूरि (प्रथम) सर्वदेवसूरि देवसूरि ( विहारुक) उद्योतनसूरि (द्वितीय) के समकालीन ५ आचार्य नेमिचन्द्रसूरि ( प्रथम ) उद्योतनसूरि (द्वितीय) यशोदेवसूरि प्रद्युम्नसूरि मानदेवसूरि देवसूरि ( सर्वदेवसूरि ) आम्रदेवसूरि ( प्रथम ) यशोभद्रसूरि नेमिचन्द्रसूरि देवेन्द्रगणि अपरनाम नेमिचन्द्रसूरि (द्वितीय) मुनिचन्द्रसूरि अजितदेवसूरि For Private & Personal Use Only वादिदेवसूरि वि० सं०११७४-१२२५ मानदेवसूरि अजितदेवमूरि . भद्रेश्वरसूरि रत्नप्रभसूरि . विजयदेवसूरि जिनदेवसूरि हेमचन्द्रसूरि . विजयसिंहमूरि (पट्टधर ) वि० सं० १२३८ में वि० सं० ११८० में वि० सं० १२२६ उपदेशमालावृत्ति की रचना नेमिनाभेयकाव्य की रचना परमानन्दसूरि हरिभद्रसूरि सोमप्रभसरि खण्डन-मण्डन नामक ग्रन्थ के वि० सं० ११८५ में वि० सं० १२४१ में कुमारपालप्रतिबोध प्रणेता क्षेत्रसमासवृत्ति की रचना की रचना www.jainelibrary.org
SR No.012017
Book TitleAspect of Jainology Part 3 Pandita Dalsukh Malvaniya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM A Dhaky, Sagarmal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1991
Total Pages572
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size12 MB
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