SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 825
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Jokass 64659 00000000000000000000000000 । परिशिष्ट ६७५ । केवलचन्द जी की धर्मपत्नी का नाम पुष्पादेवी है। उनके एक श्री नेनमल जी श्रीश्रीमाल : बाड़मेर पुत्र अंकित है और पुत्रियाँ हैं-रश्मि और श्वेता। बाड़मेर जिले के मजल गाँव के आप निवासी रहे हैं जहाँ से आपका पूरा परिवार परम श्रद्धेय सद्गुरुवर्य उपाध्याय श्री । अनेक संत और सतियों की दीक्षाएँ हुईं। आपके पूज्य पिताश्री का पुष्कर मुनि जी म. के प्रति अनन्य निष्ठावान रहा है। आपका नाम कपूरचन्द जी था। आप बहुत ही धर्म-परायण सुश्रावक हैं। व्यवसाय “पी. के. प्लास्टिक" के नाम से इन्दौर में और आपकी धर्मपत्नी का नाम अणसीबाई था। आपके तीन सुपुत्र हैं"साकरिया प्लास्टिक" के नाम से बम्बई में है। उपाध्याय श्री पुष्कर । छगनलाल जी, ताराचन्द जी और लक्ष्मीचन्द जी। मुनि जी म. के प्रति आपका पूरा परिवार अनन्य आस्थावान रहा है और आचार्यश्री के प्रति है। आपका अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ छगनलाल जी की धर्मपत्नी का नाम कमलादेवी है। पुत्र का हार्दिक आभारी। नाम दिनेशकुमार है और छह पुत्रियाँ हैं-सौ. पुष्पादेवी, सौ. मंजूदेवी, कु. वीणा, कु. लता, कु. संतोष और कु. नीतू। श्री देवीलाल जी हीरालाल जी कोठारी : बम्बई ताराचन्द जी की धर्मपत्नी का नाम रंगूदेवी है। आपके चार अरावली की गहन घाटियों में बसा हुआ फतेहपुर आज भी सुपुत्र हैं-सम्पतराज जी, जयंतीराज जी, विक्रम और नितेष तथा जन-जन के आकर्षण का केन्द्र है। प्रदूषण से मुक्त यह स्थान है। तीन पुत्रियाँ हैं-संगीता, वीणा और हेमा। आपकी जन्मभूमि का श्रेय उसी नन्हें-से कस्बे को मिला है। आपकी धर्मपत्नी का नाम राधाबाई है। आपके तीन पुत्र हैं-उम्मेदमल जी, सम्पतराज जी की धर्मपत्नी का नाम निर्मला और पुत्र का नाम सुन्दरलाल जी और हिम्मतमल जी। मदन है। उम्मेदमल जी की धर्मपत्नी का नाम लीलादेवी और पुत्र का । लक्ष्मीचन्द जी की धर्मपत्नी का नाम पुष्पादेवी है। उनके मुकेश, नाम संजयकुमार तथा पुत्रियों के नाम सीमादेवी और नूतन हैं। कैलाश और हितेश तीन पुत्र हैं तथा मनीता एक पुत्री है। सुन्दरलाल जी की धर्मपत्नी का नाम तारादेवी, पुत्र का नाम आपका पूरा परिवार श्रद्धेय उपाध्यायश्री के प्रति और भरतकुमार और पुत्री का नाम चंचल है। आचार्यश्री के प्रति अनन्त आस्थावान है। प्रस्तुत ग्रन्थ हेतु आपका हार्दिक अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ हार्दिक साधुवाद। आपका हिम्मतमल जी की धर्मपत्नी का नाम शान्तादेवी और पुत्री का व्यवसाय बल्लारी और कर्नूल में है। आपका व्यवसाय फेब्रिक्स नाम राखी है। आपका व्यवसाय केन्द्र बम्बई है। उसका नाम है और टैक्सटाइल्स का है। फर्म : “महालक्ष्मी टैक्सटाइल्स"। "उम्मेदमल प्रभात कलर कम्पनी" ३५, शाही सदन, सात रास्ता, बम्बई है। परम श्रद्धेय उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. सा. के प्रति आपकी एवं आपके परिवार की पूर्ण आस्था थी और आचार्य श्री शान्तिलाल जी टाटिया : बम्बई सम्राट् श्री देवेन्द्र मुनि जी म. सा. के प्रति पूर्ण आस्था है। प्रस्तुत ग्रन्थ के लिए आपका अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ हार्दिक साधुवाद। श्री शान्तिलाल जी टाटिया एक उच्च शिक्षा प्राप्त युवक हैं। बम्बई में आप चार्टेड एकाउन्टेंट हैं। आपके पूज्य पिताश्री का नाम घेवरचन्द जी टाटिया तथा माताजी का नाम सुन्दरदेवी है। श्री श्री शान्तिमल जी लोढ़ा : औरंगाबाद पारसमल जी व श्री सोहनलाल जी आपके भाई हैं। आपकी तीन शान्तिमल जी लोढ़ा एक परम उत्साही सुश्रावक हैं। आपके । बहिनें हैं-श्रीमती बीदामकुंवर, केवलकुंवर तथा छोटादेवी। आपकी पूज्य पिताश्री का नाम फतेहमल जी लोढ़ा और मातेश्वरी का नाम । धर्मपत्नी का नाम श्रीमती रीटा जैन है। सज्जनकुंवर है। आपकी धर्मपत्नी का नाम उर्मिलादेवी है। आपके श्री शान्तिलाल जी एवं श्रीमती रीटा जैन धार्मिक संस्कारों में पुत्र का नाम सतीश और पुत्री का नाम छवि है। आपके दो भाई पले उच्च विचारों के हैं। पूज्य महासती श्री पुष्पवती जी म. के प्रति हैं-प्रकाशमल जी और रणजीतमल जी तथा एक बहिन है-सौ. । अपनी विशेष श्रद्धा-भावना है। पूज्य आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी म. निर्मला मोदी। आप राजस्थान में अजमेर के निवासी हैं। आपका के प्रति आपकी अमिट निष्ठा है। धार्मिक रुचि व समाज-सेवा में व्यवसाय औरंगाबाद में “सतीश मोटर्स" जालना रोड पर है। आप सदा अग्रणी रहे हैं। पूज्य माताजी की स्मृति में आपने पूज्य आपकी श्रद्धेय उपाध्यायश्री के प्रति अनन्य निष्ठा रही है। सौ. छवि गुरुदेव उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. स्मृति-ग्रन्थ हेतु अनुदान संचेती के पुत्री के विवाह के उपलक्ष में आपने अनुदान प्रदान किया है, तदर्थ साधुवाद। प्राप्त किया, तदर्थ हार्दिक साधुवाद। 2000 जाएगणरायनन्यवर करण्यावरणपण्यालययन V00000000000000.0SARAg0:009PA8OR ROGREnter000DDY 6000.00 2100 18000.000000000 0. 00 00000000000000000000000000000000 जि-GODSODance
SR No.012008
Book TitlePushkarmuni Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni, Dineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1994
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size105 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy