SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 824
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ DJanDODDYadap3 B0-1६७४ 208956 हुआ। उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि स्मृति-ग्रन्थ । श्री संतोषचन्द जी झामड़ : मद्रास आपकी पुत्री का नाम अनीता है। आपका पूरा परिवार परम श्रद्धेय उपाध्यायश्री के प्रति पूर्ण निष्ठावान रहा है। प्रस्तुत ग्रन्थ के _श्री संतोषचन्द जी सा. झामड़ राजस्थान में भंवाल गाँव के । प्रकाशन में आपका हार्दिक अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ आभारी। निवासी हैं। आपके पूज्य पिताश्री का नाम सुगनचन्द जी और 0000 मातेश्वरी का नाम सिरेकुंवरबाई था। आपकी धर्मपत्नी का नाम चम्पादेवी है। आप चार भाई हैं जवरीलाल जी, महावीरचन्द जी श्री भंवरलाल जी सा. सांखला : पाली और ज्ञानचन्द जी तथा आपके दो बहिनें हैं-उमरावबाई और श्री भंवरलाल जी सांखला एक धर्म-परायण सुश्रावक हैं। आप श्रीमती पुष्पाबाई। उमरावबाई का पाणिग्रहण सेठ मोहनमल जी राजस्थान में पाली जिले के मोहरा गाँव के निवासी रहे हैं। आपके चौरड़िया के ज्येष्ठ पुत्र सेठ पारसमल जी चौरड़िया के साथ सम्पन्न पूज्य पिताश्री का नाम मगराज जी एवं मातेश्वरी का नाम भूरीबाई था। आपकी धर्मपत्नी का नाम भंवरीबाई है। आपके पाँच पुत्र हैं__आपके चार पुत्र हैं-स्वरूपचन्द जी, सुमेरचन्द जी, सुरेशचन्द नवरतनमल जी, महावीरचंद जी, रमेशचंद जी, विमलचंद जी और 656 जी और सुभाषचन्द जी तथा छह पुत्रियाँ हैं-सौ. इन्द्राबाई, सौ. ज्ञानचंद जी। सरदारबाई, सौ. किरणदेवी, सौ. यशोदादेवी, सौ. आशादेवी और । नवरतनमल जी की धर्मपत्नी का नाम वसंताबाई है। उनके दो सौ. ऊषादेवी। पुत्र राजकुमार और विजयकुमार हैं और एक पुत्री सीमा है। स्वरूपचन्द जी सा. की धर्मपत्नी का नाम जसकुंवर है। उनके तीन पुत्र हैं-गौतम, सुधीर और राकेश तथा एक पुत्री है सुजाता। महावीरचंद जी की धर्मपत्नी का नाम कमलाबाई है। उनके एक पुत्र संजय है और दो पुत्रियाँ हैं आरती और शीतल। सुमेरचन्द जी की धर्मपत्नी का नाम सुशीलादेवी है। उनके संजय और कमल दो पुत्र हैं। रमेशचंद जी की धर्मपत्नी का नाम श्रीमती सुरेश है, पुत्र पंकज और पुत्रियाँ पूनम तथा मनीषा हैं। सुरेशचन्द जी की धर्मपत्नी का नाम पुष्पादेवी है। उनके एक पुत्र और एक पुत्री है उनके नाम हैं-विशाल और वर्षा। विमलचंद जी की धर्मपत्नी का नाम मधुबाई है। उनके एक लड़का और एक लड़की हैं-धीरज और हर्षा। सुभाषचन्द जी की धर्मपत्नी का नाम प्रेमादेवी है। उनके दो पुत्रियाँ हैं-सुरेखा और श्रद्धा। आपका व्यवसाय मद्रास में “जामड़ ज्ञानचंद जी की धर्मपत्नी का नाम कविता है। पुत्र का नाम फाइनेन्स" के नाम से और मदरान्तकम् में "मनी लेण्डर्स" के नाम ऋषभ और पुत्री का नाम वर्षा है। आपका व्यवसाय केन्द्र से है। श्रद्धेय उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. के प्रति आपकी मेटूपालियम में "फाइनेन्स" का है। आपका पूरा परिवार श्रद्धेय अपार निष्ठा रही है। प्रस्तुत ग्रन्थ में आपका हार्दिक साधुवाद प्राप्त उपाध्यायश्री के प्रति निष्ठावान रहा है। प्रस्तुत ग्रन्थ में आपका हुआ, तदर्थ हार्दिक साधुवाद। अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ साधुवाद। श्रीमती विद्यावन्ती रलियाराम जी जैन : दिल्ली स्व. मूलचन्द जी सा. साकरिया : बम्बई भारतवर्ष की महान संस्कृति एवं उज्ज्वल परम्परा में नारी का स्व. मूलचन्द जी सा. साकरिया राजस्थान में साण्डेराव के महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। वह परिवार, समाज और धर्म के क्षेत्र में निवासी थे। इनके पूज्य पिताश्री का नाम गुलाबचन्द जी और 00000 अपनी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका सदा निभाती रही है। उसमें विविध मातेश्वरी का नाम थापूबाई था। उनकी धर्मपत्नी का नाम घीसीबाई गुण हैं। श्रीमती विद्यावन्तीदेवी में वे सारे गुण विकसित थे। वे था। आपके चार पुत्र हैं-कुन्दनमल जी, शंकरलाल जी, इन्द्रमल जी ममतामयी माँ थीं और तन-मन को समर्पित करने वाली सधर्मणी और केवलचन्द जी तथा चार पुत्रियाँ हैं-सौ. सुशीलादेवी, सौ. भी थीं। आपके पति रलियाराम जी जैन बहुत ही धर्मनिष्ठ सुश्रावक सरोजदेवी, सौ. अंजनादेवी और सौ. रंजनादेवी। थे, जिन्हें आगमों का परिज्ञान था और अनेक थोकड़े भी कंठस्थ श्री कुन्दनमल जी सा. की धर्मपत्नी का नाम रूपीबाई है। उनके थे। आप मूल रूप में अमृतसर के निवासी थे। आपका व्यवसाय अश्व केन्द्र दिल्ली और बम्बई रहा है। आपके चार सुपुत्र हैं-दीपचन्द जी, एक पुत्र और एक पुत्री है। रमेशकुमार जी, सतीश जी और धर्मवीर जी तथा तीन सुपुत्रियाँ J शंकरलाल जी की धर्मपत्नी का नाम विमलाबाई है। उनके तीन हैं-राजकुमारी जैन, सुमित्रा जैन और शशि जैन। पुत्र हैं-अरविन्दकुमार, अनिलकुमार और विकास तथा दो पुत्रियाँ हैं-नीलम और पिंकी। श्री दीपचन्द जी बहुत ही उदारमना सुश्रावक हैं। आपकी धर्मपत्नी का नाम पद्मावतीदेवी था जो लघुवय में ही स्वर्गस्थ हो इन्द्रमल जी की धर्मपत्नी का नाम बेबीदेवी है और उनके पुत्रों गईं। आपके दो पुत्र हैं-वरिशकमल जैन और नरेशकमल जैन तथा ) के नाम कमलेश, शैलेष, मितेश और पीयूष हैं। 00006 POST 781 6 .....00161G00000
SR No.012008
Book TitlePushkarmuni Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni, Dineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1994
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size105 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy