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________________ airEducation ४८४ महासती श्री मदनकुंवर जी म. आपका जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले के खण्डप ग्राम में संवत् १९८२ आश्विन कृष्णा ११ को हुआ। आपने पिता जी का नाम श्रीमान् सिरेमल जी धोका और माताजी की नाम श्रीमती टीपूबाई है। आपने उपाध्यायश्री पुष्कर मुनि जी म. को अपना गुरुदेव बनाया और स्वाध्याय प्रेमी श्री प्रेमकुंवर जी म. के पास संवत् २०२० वैशाख कृष्णा १० को बाड़मेर जिले के गाँव अजीत में दीक्षा ग्रहण की। आपको थोकड़े और चौपाई आदि का अच्छा अध्ययन है। आपने राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र, कर्नाटक में विचरण किया है। महासती श्री चेलना जी म. आपका जन्म संवत् २००१ में राजस्थान के उदयपुर जिले में गांव सायरा में हुआ आपके पिता जी का नाम श्रीमान् चम्पालाल जी कोठारी और माताजी का नाम श्रीमती प्यारबाई है। आपने उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. को गुरु बनाया और महासती श्री शीलकुंवर जी म. के सान्निध्य में भीलवाड़ा (राजस्थान) में सं. | २०२० कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को दीक्षा ग्रहण की। आप सेवाभावी सती हैं, राजस्थान में विचरण करती है। श्री हेमवती जी म. आपका जन्म उदयपुर (मेवाड़) के नान्देशमा गांव में हुआ। आपके पिताश्री का नाम श्रीमान् हंसराज जी और माताजी का नाम श्रीमती विजयाबाई है। उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. को गुरु बनाकर आपने संवत् २०२४ ज्येष्ठ शुक्ला ३ को डबोक (उदयपुर) में परम्विदुषी महासती श्री कौशल्याकुंवर जी म. के सान्निध्य में दीक्षा ग्रहण की। आपने उत्तराध्ययन, नन्दी, दशवैकालिक और सुखविपाक सूत्रों की वाचना और स्वाध्याय किया। अनेक थोकड़े कण्ठस्थ किए। विशारद परीक्षा उत्तीर्ण की। आपका स्वाभाव शान्त है, आप सरलमना और सेवाभाविनी हैं राजस्थान में विचरण किया है और कर रही हैं। महासती श्री चारित्र प्रभा जी म. आपका जन्म संवत् २००६ श्रावण कृष्णा अमावस्या को उदयपुर जिले के गाँव बगडून्दा में हुआ। आपके पिताश्री का नाम श्रीमान् कन्हैयालाल जी छाजेड़ और माताजी का नाम श्रीमती हंजादेवी छाजेड़ हैं। आपने उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. को 7 उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि स्मृति ग्रन्थ गुरु बनाकर परम् विदुषी महासती श्री कुसुमवती जी म. के सान्निध्य में संवत् २०२६ फाल्गुन शुक्ला पंचमी दिनांक २९ फरवरी १९६७ को नाथद्वारा में दीक्षा ग्रहण की। आपने संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी आदि भाषाओं का उच्चस्तरीय अध्ययन किया। जैन सिद्धान्तों का गहन अभ्यास किया। आपने हिन्दी में साहित्यरत्न की उपाधि प्राप्त की। जैन दर्शन में शास्त्री 'परीक्षा उत्तीर्ण की। पाथर्डी बोर्ड से जैन सिद्धांताचार्य की उच्च परीक्षा पास की। आपने बी. ए. का व्यावहारिक शिक्षण लिया। आपने साहित्य लेखन कार्य भी किया। आपके द्वारा लिखित एवं संकलित पुस्तकें हैं, चारित्र सौरभ, कुसुम चारित्र, स्वाध्याय माला, कुसुम-चरित्र नित्य स्मरण माला, चारित्र ज्योति (भजन) आपकी पाँच शिष्याएं हैं-श्री दर्शन प्रभा जी, श्री विनय प्रभा जी, श्री रुचिका जी, श्री राजश्री जी, श्री प्रतिभा जी। आपने कई संस्थाओं की स्थापना में प्रेरणा की है, अलवर में कुसुम सिलाई बुनाई केन्द्र, चांदनी चौक दिल्ली में महिला मण्डल, अमीनगर सराय में धार्मिक पाठशाला, दोघट में जैन वीर बाल संघ, कांधला में जैन वीर बालिका संघ आपकी प्रेरणा से स्थापित हुए हैं। आपने राजस्थान, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, जम्मू तथा काश्मीर में विचरण किया है। श्री साधनाकुंवर जी म. आपका जन्म संवत् १९८७ में राजस्थान के जालोर जिले के गांव भारंडा में हुआ। आपके पिता जी का नाम श्रीमान् सरदारमल जी सालेचा और माताजी का नाम श्रीमती सकुबाई है। आपने उपाध्याय श्री पुष्कर मुनिजी म. को अपना गुरु बनाया और महासती श्री शीलकुंवर जी म. के पास संवत् २०२७ माह सुदी ५ को बाड़मेर (राजस्थान) जिले के गांव समदड़ी में दीक्षा ग्रहण की। आपका सामान्य अध्ययन हुआ। आप सेवाभावी हैं। आपका विचरण राजस्थान में हुआ है। महासती श्री ज्ञानप्रभा जी म. "साहित्यरत्न" महाराष्ट्र प्रान्त के पूणे जिले के गांव बड़गाव में आपका जन्म संवत् २०१६ भाद्रपद कृष्णा ५ दिनांक २३ अगस्त १९५९ को हुआ आपके पिताश्री का नाम श्रीमान् पं. सिद्धराम जी जैन और माताजी का नाम श्रीमती कस्तूरीदेवी है। आपने उपाध्याय प्रवर विश्वसंत श्री पुष्कर मुनिजी म. को गुरु बनाया और ब. ब्र. श्री विमलवती जी म. के सान्निध्य में Ofe wamellore 200 good
SR No.012008
Book TitlePushkarmuni Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni, Dineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1994
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size105 MB
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