SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 443
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६८ : श्री महावीर जैन विद्यालय सुवर्णमहोत्सव ग्रन्थ बालचन्द्रमुनि बूचिराज (वल्ह) ब्र० उंदू ब्रह्म सावारण भगवतीदास महणसिंह महीचन्द महीराज महेश्वरसूरि माणिक्कचंद माणिक्कराज कवि मुनि कुमुदचंद मुनि चारितसेन मुनि यशःकीर्ति यशःकीर्ति यशःकीर्ति निरयदुहसत्तमीकहा, रविवउकहा, णरयउतारी, दुद्धारसकहा। मयणजुज्झ (वि० सं० १५८९) चैतिरासा कोकिलापंचमीकहा, मुकुटसप्तमीकथा, दुधारसीकथा, आदित्यवार, तीनचउबीसी, पुष्पांजलि, निर्दुःखसप्तमी, निर्झरपंचमीकथा । मिगांकलेहाचरिउ (वि० सं० १७००), मउहसत्तभीकहा, सुयंधदहमीकहा। त्रिंशत् जिनचउबीसी शान्तिनाथपुराण (र० सं० १५८७) नलदवदंतीरास (सं० १५३९) संजममंजरी तथा आ० हेमचन्द्रसूरिकृत "संजममंजरी" की स्वोपज्ञ विवृति एवं टीका' सत्तवसणकहा (र० सं० १६३४) अमरसेनचरिउ (वि० सं० १५७७), णायकुमारचरिउ (सं० १५७६) नेमिनाथरास समाधिरास जगसुन्दरीप्रयोगमाला (आयुर्वेद) चंदप्पहचरिउ (१२-१३ वीं शताब्दी के लगभग) पाण्डवपुराण (र० स० १४९७), हरिवर्स पुराण (र० सं० १५००) जिनरत्तिविहाणकहा, रविवउकहा। परमप्पयासु, जोयसार । पउमचरिउ, हरिवंसपुराण, आदिपुराण (अनुपलब्ध), पासपुराण, सम्मत्तगुणनिधान, मेहेसरचरिउ, जीवंधरचरिउ, जसहरचरिउ, पुण्णासवकहाकोस, धनकुमारचरिउ, सुकोसलचरिउ, सम्महजिनचरिउ, सिद्धचक्कवयविहि, वृत्तसार, सिद्धान्तार्थसार, आत्मसम्बोहकब, अणथमीकहा, सम्मत्तक उमुदी, करकण्डु-सुदंसणचरिउ (अनुपलब्ध), दशलक्षण जयमाला, षोडशकारण जयमाला, सम्यक्त्वभावना सोहंथुदि (अनेकान्त में प्रकाशित)। जिनदत्तचाई (र० सं० १३५३) प्रद्युम्नकथा नेमिनाथफाग (सं० १४०५ के लंगभग) पाहुडदोहा (विक्रम की दसवीं शताब्दी के लगभग) अंतरंगसंधि (वि० सं० १३६२) योगीन्द्रदेव पं० रइधू मदनकया रल्ह कवि रल्हण राजशेखरसूरि रामसिंह मुनि रत्नप्रभसूरि १ अन्य टीका-ग्रन्थोंके रूपोंमें अपभ्रंश भाषामें लिखित देवेन्द्रसूरिकृत " उत्तराध्ययनसूत्र वृत्ति", रत्नप्रभसूरिकृत " उपदेशमाग दोधरी वृत्ति", मूलशुद्धप्रकरण वृत्ति, आख्यातमणिकोष वृत्ति तथा भवभावनाप्रकरण वृत्ति उल्लेखनीय हैं। 'संजममंजरी'की टीका बृहत् हैं। पुस्तकाकार लगभग तीनसी पृष्ठोंकी है, जो अभीतक अप्रकाशित है। लेखक इस ग्रन्थका संस्करण तैयार कर है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012002
Book TitleMahavira Jain Vidyalay Suvarna Mahotsav Granth Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Vidyalaya Mumbai
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year1968
Total Pages950
LanguageGujarati
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy