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________________ गुलाव चन्द्र तामोट मन्त्री लोक निर्माण भोपाल मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर ने भगवान महावीर के २५००वें निर्वाण महोत्सव के अवसर पर आयोजित पाँच दिवसीय व्याख्यानमाला के अन्तर्गत पठित शोधपत्रों और व्याख्यानों को एक स्मारिका के रूप में प्रकाशित करने का निश्चय किया है। व्याख्यानमाला के अन्तर्गत विद्वानों द्वारा पठित इन भाषणों की अपनी उपादेयता है और मुझे विश्वास है कि स्मारिका में संकलित होने से इन्हें स्थायी स्वरूप प्राप्त हो सकेगा। इस सद्प्रयास के लिए मेरी शुभ कामनाएँ।। गुलाब चन्द्र तामोट --- ----संदेश---- Achal Singh 87 North Avenue, New Delhi M.P.. मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव पर आप एक महान ग्रन्थ प्रकाशित कर रहे हैं । इससे जैन दर्शन व साहित्य एवं इतिहास पर एक बहुमूल्य ग्रन्थ तैयार हो जावेगा। इससे देश व समाज की सेवा होगी। __आपके प्रयास की मैं सराहना करता हूँ। आपके शुभ कार्य के लिए मेरी शुभ कामनाएँ हैं। आपका अचलसिंह श्री रवीन्द्र मालव जीवाजी विश्वविद्यालय की ओर से आपने व्याख्यानमाला आयोजित की और इसके उपलक्ष्य में एक “स्मृति ग्रन्थ" का प्रकाशन कर रहे हैं यह जानकर प्रसन्नता हुई। ___इस "स्मृति ग्रन्थ" द्वारा आप लोग भगवान महावीर के उपदेश को समाज में प्रचार करने में सफल हों, ऐसी मैं शुभ कामनाएँ प्रेषित करता हूँ । प्रणाम । कस्तूरभाई लालभाई अध्यक्ष, भगवान महावीर २५०० वें निर्वाण महोत्सव महासमिति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012001
Book TitleTirthankar Mahavira Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Malav
PublisherJivaji Vishwavidyalaya Gwalior
Publication Year
Total Pages448
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size13 MB
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