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श्री जिनायनमः
(श्री हेमचंाचार्य कृत) या योगशास्त्रनुं गुजराती भाषांतर.
मूल, तेनो अर्थ तथा तेमनीज करेली
टीकानां नावार्थ सहीत.
संस्कृतपरथी गुजरातीमां (जामनगरवाला पंडित श्रावक हीरालाल वि.। हंसराज)
(पासे चाषांतर करावी)
छपावी प्रसिद्ध करनार. श्रा जीमसिंह माणेक
श्री मुंबइमां निर्णयसागर मुद्रायंत्रमा छाप्यु.
संवत १९५५
सने १८९९