SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 33
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनुक्रमणिका. वीजो उ० -पात्र विपे वधु आज्ञाओ. अध्ययन सोलमुं॰ [अवग्रह प्रतिमा.] पेहेलो उ०-रहेवानुं मकान के पसंद करवू ? बीजो उ०-रहेवानुं मकान पसंद करवानी रीत तथा ते वावतनी सात प्रतिज्ञाओ. बीजी चूलिका. अध्ययन सतरमुं [स्थान पहेलो उ०-उभा रहेवानी जग्या केवी पसंद करवी. अध्ययन अढारमुं [निपीथिका पहेलो उ०-अभ्यास करवा माटे जगा केवी पसंद करवी. अध्ययन ओगणीसमुं. उच्चार प्रश्रवण. पहेलो उ०-स्थंडिल माटे केवी जग्या पसंद करवी ? ३३७ अध्ययन वीशमुं. (शद्ध) पेहेलो उ०-मुनिए शद्धमां मोहित न थg. अध्ययन एकवीशमुं. (रूप) पेहेलो उ०-रूप जाई मोहित न थq. अध्मयन वावीशमुं. (पराक्रया) पेहेलो उ०--वीजानी क्रियामां मुनिए केम वर्तवं ? अध्ययन त्रेवीशमुं. [अन्योन्य क्रिया.] पेहेलो उ०-मुनिओए अरसपरस थती क्रियामां केम वर्तव? --wood त्रीजी चूलिका. अध्ययव चोवीशम. [ भावना.] पेहेलो उ०--महावीर प्रभुतुं चरित्र तथा पांच महाव्रतोनी भावनाओ ३६२. [भावनाओ.] अध्ययन पचीशमु. [विमुक्ति.] पेहलो उ०-हित शिक्षाना कान्यो. (समाप्ति.)
SR No.011502
Book TitleAng 01 Ang 01 Acharang Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavjibhai Devraj
PublisherRavjibhai Devraj
Publication Year1906
Total Pages435
LanguagePrakrit, Gujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & Conduct
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy