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________________ अनुक्रमणिका. चोथो उद्देशा-कपाय छोडवा. अध्ययन चोथु. (सम्यक्त्व) पहेलो उद्देशः-सत्यवाद. बीजो उद्देशः-परमतनुं विचार पूर्वक खंडन. त्रीको उद्देशः-तपोनुष्ठान. चोथो उद्देशः-संयममां संस्थित रहे. अध्ययन पांचमुं. (लोकसार) पेहेलो उ०--प्राणिनी हिंसा करनार, विषयो माटे आरंभमा प्रवर्त नार तथा विपयोमा जे आसक्त हाय तेने मुनि न गणवो. ६९ वीजो उ०-जे हिंसादिक पापोथी निव? होय तेज मुनि गणाय. ७२ त्रीचो उ० जे मुनि होय ते कशा परिग्रह न राखे तथा काम भोगनी इच्छा पण न करे ७५ चोथो उ०-अजाण अगीतार्थ अने सूत्रार्थमा निश्चय विनाना मुनिने एकला फरवामां घगा दोप थाप छे. पांचमो उ०-मुनिए सदाचारथी वर्तटुं तथा तेना माटे जळाशयनो दृष्टांत. छहो उ०-उन्मार्गमां न ज तथा राग द्वेप तजवा. अध्ययन छटुं. (वृत) पेहेलो उ०-स्वजन संवधीयो छोडीने धर्ममां परायण थयु. ८९ वीजो उ०-काने आत्माथी दूर करवा. त्रीजो उ०-मुनिए अन्य उपकरण राखवा अने शरीरने जेम बने । म कसता रहेQ. ९७ चोयो उ०-मुनिए सुख लंपट नाहि . पांचमो ३०-सुनिए संकटोयी नहि डर तथा कोइ प्रशंसा के सत्कार करे तथी खुशी न थ{. (उपदेशवा योग्य आठ बावनो कलम ३८५) अध्ययन मातमुं. (महा परिज्ञा) सान उ०-विच्छिन्न थया छे. १०७
SR No.011502
Book TitleAng 01 Ang 01 Acharang Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavjibhai Devraj
PublisherRavjibhai Devraj
Publication Year1906
Total Pages435
LanguagePrakrit, Gujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & Conduct
File Size17 MB
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