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________________ । रतन परीक्षक | परमांन । कली सांन पर जिला पछांन भुजा वयाने । बाल रोग आदी मिट जावे ॥ दूर विचारे । बिजली का भय शोक निवारे ॥ इति लाल विधानंम् ॥ ॥ अथ फीरोजा विधानंय || ॥ दोहरा ॥ 11 जैसा पुर इक सहर हैं। पश्चिम दिसा प्रमान ॥ ॥ पैदा उत्तम खान से । अवर हिमाले मान ॥ || सिराज समें होतड़े । नाम फिरोजा सोय ॥ ॥ किरमान देसईरान में । उत्तपत ताकी होय ॥ ॥चौपाई॥ ३० ॥ हलका तोल नर्म ॥ बालक हूकी ॥ मंत्र तंत्र सब | छाया रंग समान जांनो || पात्रे ॥ होई ॥ ॥ उत्तम नैसा पुगे पानों ॥ हिमाले अधिक थान दरसावे । ऐवदार कम कीमत ॥ किरमांनी रंगसंग शुभ होई। ढवेदार ऐव इक ॥ सिराज देस कम कीमत जाना उत्तम नेसापुरी ॥ निरदोष समझ शरन जो करे। शस्त्र आदि विजली भय दरे ॥ ॥ जहरी जीव दोष हर होई । भूता दिक भय और न कोई ॥ ॥ दोहरा ॥ पछांन ॥ ॥ ऐव चार जाके कहे । समझ शुद्ध मन धार ॥ ॥ छिटक छाछिआ मूगिआ। लकीर दोष मिलनार || ॥ विना ऐव नैसा पुरी । चोवी रत्ती जांन ॥ ॥ कींमत दस्तहाजार है। लिखा शास्त्र परं मांन ॥ ॥ चौपाई ॥ ॥ रंग ढंग शुभ संग विचारो । दस रत्ती तक तोल सारो ॥ ॥ कीमत चार हजार विचार । निरदोष देख निश्वा मन धार ॥ || रंग ढंग विन सूरत होई । आठ आने तक कीमत सोई ॥
SR No.011027
Book TitleLecture On Jainism
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLala Banarasidas
PublisherAnuvrat Samiti
Publication Year1902
Total Pages391
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size14 MB
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