SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 314
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ । रतन परीक्षक। ॥ एक रत्ती से कमती जानो। नाम केरकी ताकी मानो ॥ ॥ गेशत वारा तखती कहिए । तवीजा नाम ढोलना लहिए। ॥ खारे दार मणी इक मनो । खोल दारइह जारो जोंनो॥ । एक पल का खोटा सोई। पडदा एक विलोरी होई॥ ॥ दूसर कमने का जोनी । मप रंगदे जोड पछानो ॥ ॥ ऐसा जोड जाहका होई । मानी शुभ पन्ना है सोई॥ ॥कर परीक्षा निश्वा धारो। पनाकी चिकनाट विचारो ॥ ॥ रूक्ष विलौरी पडदा जानो। मध्य देख जह भद पत्रानो ।। ॥ वा उठाय चांदने माही । दपल का मध्य दाखलस्यताही॥ ॥ आग कीमत करो विचार । घाट रंग लव भेद सम्हार ॥ ॥ घाट तावडा ऐसा हॉई । पहल दार सुंदर है सोई॥ ॥तीन रुपए रत्ती जानी । तीन सा रत्ती तक मानो। ॥वकाउरो विलायतमं अतिधारों। ताकर कीमत अधिक विचारो। चार आंने रत्ती सोई ॥घाट मथैला एसो होई॥ ॥ गोल मणी की कीमत जानो । म्प दो रत्ती के मांनो । ॥ पचास रुपैए रत्ती सोई। गोला कार मणी जो हाई॥ ॥गोसवाग घाट सरु वत जानो। सो रुपैआ रत्ती मानो॥ ॥ एसे उओर भेद सभ लोजे । घाट चमक लख कीमत दाजै ॥ ॥कोरा खड नामा सोकहिण । खांनी घोट गनेरी लहिए। ॥ चारो तर्फ सुपेदी होई। नई खोन आगे सुन सोई॥ ॥जर मन देस खांन अव जांनो । पुरातन पंवत सी मानो। ॥टोडा माज पत्या होई। चोराने रतोकीमन सोई॥ ॥ आठ आने रनी तक दीजे।। वोटा समझ परीक्षो कोजे॥ ॥ सुच्च साथर गडिए सोई । रेवा देख परीक्षा होई॥ ॥ रगड ताह पर नों लारे । सुना होए जिला प्रघटावे ।। ॥जो मलीन चमक कम होई। खोटा पंना कहि ए सोई॥
SR No.011027
Book TitleLecture On Jainism
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLala Banarasidas
PublisherAnuvrat Samiti
Publication Year1902
Total Pages391
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy