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________________ स्वदेशी-आन्दोलन और बायकाट। ज्ञानी लोगों को यह बात विदित है कि मंसार की उत्पत्ति के लिये • परमेश्वर और • माया (शक्ति) दोनों की जरूरत है। अकेला परमेश्वर समार की उत्पत्ति कर नहीं सकता.-माया (शक्ति) की महायंता बिना परमेश्वर कुछ कर नहीं सकता; और अकेली माया (शक्ति) भी कुछ कर नहीं सकती। यद्यपि ये दोनों देखने में भिन्न भिन्न देख पड़ते हैं तथापि वे एक ही ब्रह्मतत्व के दो रूप हैं। परमेश्वर और माया के इस सम्मिलित रूप के आधार पर ही नरनारी-नटेश्वर की मूर्ति कल्पित की गई है। उस मूर्ति में परमेश्वर और माया का रूप इतना साम्मलित है कि देखनवाला उन दोनों रूपों का विभक्त नहीं समझ सकना । तथापि उम मूर्ति की एक ओर खड़े होकर देग्विये ता केवल 'परमेश्वर का रूप दिखाई दंगा, और यदि दृसंग और खंड़ होकर दखिये तो कंवल 'माया'( शक्ति ) का रूप दिग्गई दंगा । ठीक यही दशा इस श्रान्दोलन की भी है । स्वदेशी' और 'बहिष्कार' ये दोनों बातें इतनी मम्मिलित हैं कि उनका कोई विभक्त नहीं कर सकता; तथापि एक ओर से देखा जाय तो केवल स्वदेशी का म्प दिग्बाई दना है; और दृमरी ओर से इंग्खा जाय ना केवल 'बहिष्कार का रूप देख पड़ता है। संसार की उत्पत्ति के कार्य में परमेश्वर और माया ( शनि) को विभक्त करना असम्भव है : ऐमा करने में संसार की उत्पत्ति मे विन्न होगा। इसी प्रकार अपने देश की उन्नति के कार्य में • म्वदशी ' और · बहिष्कार' को विभक्त करना असंभव है; गंमा करने म दश की उन्नति में विन्न होगा। हमारी समझ में, वर्तमान आन्दोलन की प्रधान शक्ति ' बहिष्कार ही में है। जिस प्रकार माया । शक्ति ) को पृथक करने से संसार की उत्पत्ति हो नहीं सकती; उसी प्रकार ' बहिष्कार' की पृथक करने में हमारा आन्दोलन शक्ति-रहिन हो जायगा उससे देश की उन्नति कदापि न हो सकेगी---इष्ट कार्य की कभी सिद्धता न होगी । अतएव, निदान व्यापार की दृष्टि से, हिन्दुस्थान में कुछ जान है-वह सजीव है- वह मृत नहीं है-यह बात सिद्ध करने के लिये हम लोगों को 'स्वदशी वस्तु का स्वीकार और विदेशी वस्तु का त्याग, इन दोनों बातों को हमारे आन्दोलन में शामिल करना चाहिए। अंगरेज-व्यापारी हर माल तीस करोड़ का कपड़ा इस देश में बेच स्व. आ.४
SR No.011027
Book TitleLecture On Jainism
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLala Banarasidas
PublisherAnuvrat Samiti
Publication Year1902
Total Pages391
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size14 MB
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