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________________ (१) जी तत्पुत्र सा उदयचन्द जी तनार्या बाइ श्रजवोजीकेन श्री पावं प्रथम बार्यदिन गण पर पाकुका कारापितं। [62] सं० १३० वर्षे माघ शुक्ल ५ सोमे गांधी गोत्रे सा० श्री कमल नयन जी तत्पुत्र सा. श्वी उदयचंड जी तत्धर्मपत्नी बार अजबाजीकेन श्री बासुपूज्य प्रथम सुजूम गणधर पाउका काराप्ति। [03] सं० १७६१ चैत्र शुक्ल पञ्चम्यां शनिवाप्सरे चंछ कुसाधिप श्री जिनदत्त सूरीयां चरण स्थापनं श्री सहाग्रहण श्री जिनहर्ष सूरीणामुपदेशाप्रतिष्ठितं ॥ [64] धातुके मूर्तियोंपर। सं० १५१४ वर्षे बै० व० ५ उके व्या गोइन्द ना राजू पुत्र नाथू जार्या विवि मातृ-नाम्दा केन जार्या सीसू प्रमुख कुटुंब युतेन श्री श्रेयांसनाथ बिवं कारितं प्रतिष्ठित श्री सोमसुन्दर सूरिपट्टे श्री रत्नशेखर सूरि राज्यः च ॥ कालधरी । 185; . सं० १५३० वर्षे चैत्र यदि ५ गुरू रजीआण गोत्रे हुवड़ ज्ञातीय दोसी गकुर सी जा० नाइ सो सुत दोसी घाखान हरपाल दासा पोगा युतन मातृ श्रेयसे श्री कुंथुनाथ विवं कारितं हुवड़ गछे श्री सिंघदत्त सूरि प्रतिष्टितं । उपाध्याय श्री शीसकुझर गणि। [66 सं० १५३१ वर्षे वेशाख बदि २१ सोमे श्री श्रीमान झा० सा गोआ ना भाऊ सु. सा साजय ना मदोधरि सु० सा मटका ना पुरा सु० सा० सोम सापासा
SR No.011019
Book TitleJaina Inscriptions
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year1918
Total Pages326
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
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